Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Feb, 2023 12:01 PM

अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट की वजह से सरकारी बैंकों और एलआईसी के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी जैसे सरकारी बैंकों के शेयरों की भी काफी गिरावट देखने...
नेशनल डेस्क: अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट की वजह से सरकारी बैंकों और एलआईसी के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी जैसे सरकारी बैंकों के शेयरों की भी काफी गिरावट देखने को मिली है, इसलिए आरबीआई भी हरकत में आ गया है।
बैंक रेगुलेटर RBI ने सभी बैंकों से अडानी मामले में जवाब मांगा है। अडानी ग्रुप ने बैंकों से पूछा है कि उन्होंने अडानी ग्रुप से जुड़ी कंपनियों को कितना कर्ज दिया है और उसका स्टेटस क्या है? ये जानकारी ऐसे समय पर आई है, जब अडानी ग्रुप ने अडानी इंटरप्राइजेज के एफपीओ को कैंसल कर दिया है।
बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण FPO वापस लिया: अडाणी
उद्योगपति गौतम अडाणी ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण उनके समूह की प्रमुख कंपनी को पूर्ण अभिदान मिलने के बावजूद अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) को वापस लेने का फैसला किया गया। ‘हिंडनबर्ग रिसर्च' की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में 90 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई है। ‘अडाणी एंटरप्राइजेज' ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपए के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की थी।
अडाणी ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद कल उसे वापस लेने के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई होगी, लेकिन कल बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए निदेशक मंडल को लगता है कि FPO को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।'' अडाणी ने कहा, ‘‘ हम परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे।'' उन्होंने कहा कि कंपनी की बुनियाद मजबूत है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा बही-खाता ठोस और परिसम्पत्तियां मजबूत हैं। हमारा कर पूर्व आय (EBITDA) का स्तर और नकदी प्रवाह काफी मजबूत रहा है और ऋण चुकाने का हमारा रिकॉर्ड बेदाग है।