बसवराज बोम्मई :शांत और ठंडे दिमाग के  नेता के तौर पर जाने जाते हैं कर्नाटक के नए CM

Edited By vasudha,Updated: 01 Aug, 2021 04:18 PM

basavaraj bommai karnataka politics

कर्नाटक में एक बार फिर सत्ता की बिसात के मोहरे बदल गए। किसी दक्षिणी राज्य में पहली बार भगवा लहराने वाले कुशल राजनीतिज्ञ बी.एस. येदियुरप्पा को यह मलाल तो रहेगा कि वह चौथी बार भी मुख्यमंत्री के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए, लेकिन उन्हें इस...

नेशनल डेस्क:  कर्नाटक में एक बार फिर सत्ता की बिसात के मोहरे बदल गए। किसी दक्षिणी राज्य में पहली बार भगवा लहराने वाले कुशल राजनीतिज्ञ बी.एस. येदियुरप्पा को यह मलाल तो रहेगा कि वह चौथी बार भी मुख्यमंत्री के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए, लेकिन उन्हें इस बात का सुकून भी होगा कि राज्य में उनके सबसे करीबी और मजबूत सहयोगी बसवराज बोम्मई को उनका उत्तराधिकारी बनाने से बाजी अभी उनके हाथ में ही है और इस फैसले से पार्टी ने भी अपनी राजनीतिक जमीन खिसकने से बचा ली।

 

सुलझे हुए नेता माने जाते हैं  बोम्मई 
कुछ समय पहले ही अपने मुख्यमंत्री बनने की अटकलों को खारिज कर चुके बोम्मई कर्नाटक की जनता के लिए एक हमदर्द और मेहरबान चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं। राज्य में उनकी पहचान एक सुलझे हुए, शांत और ठंडे दिमाग वाले नेता की है। एक समय भाजपा को छोड़कर कर्नाटक जनता पक्ष नाम से नयी पार्टी बनाकर भाजपा की आंख की किरकिरी बने येदियुरप्पा को 2013 में वही पार्टी में वापस लौटा लाने में सफल रहे थे। मृदुभाषी बोम्मई विपक्षी दल के नेताओं तक भी अपनी बात आसानी से पहुंचा पाते हैं।

 

कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं  बोम्मई
अपनी बहुत सी विशेषताओं के कारण मुख्यमंत्री की कुर्सी तक का रास्ता हमवार करने से पहले बसवराज बोम्मई येदियुरप्पा सरकार में गृह मंत्रालय सहित कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। खेती और सिंचाई से जुड़े मामलों की गहरी समझ होने के नाते उन्हें राज्य की सिंचाई योजनाओं की सफलता का श्रेय दिया जाता है। उन्हें कर्नाटक के हावेरी जिले के शिगगांव में पहली शत प्रतिशत पाइप सिंचाई परियोजना के कार्यान्वयन के लिए भी जाना जाता है। यह देश में अपनी तरह की पहली सिंचाई परियोजना है।

 

 कर्नाटक के 11वें मुख्यमंत्री हैं बसवराज बोम्मई 
बसवराज बोम्मई कर्नाटक के 11वें मुख्यमंत्री और जनता परिवार के दिग्गज नेता एस.आर. बोम्मई के पुत्र हैं तथा पिछले तीन दशक से भी अधिक समय में उन्होंने राज्य की सियासत में अपना कद बढ़ाया है। 28 जनवरी 1960 को जन्मे बसवराज बोम्मई की मां का नाम गंगम्मा है और उन्होंने केएलई टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से मकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पुणे में तीन साल तक टाटा मोटर्स में काम किया।

 

कभी पालतू कुत्ते की मौत पर रोए थे बोम्मई
बोम्मई का मानवीय पक्ष भी राज्य की जनता में उनकी छवि गढ़ता रहा। अपने पालतू कुत्ते की मौत पर सोशल मीडिया पर फूट-फूटकर रोते नजर आए बोम्मई कोविड की दूसरी लहर के दौरान कर्नाटक के लोगों के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़े रहे। उन्होंने हावेरी जिले के शिगगांव स्थित अपने घर को कोविड देखभाल केन्द्र में बदल दिया, जहां 50 कोविड मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के अलावा मरीजों के लिए ऑक्सीजन सांद्रकों की भी व्यवस्था की।

 

सदर लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं कनार्टक के सीएम
येदियुरप्पा की तरह बोम्मई भी राज्य की राजनीति की दिशा तय करने वाले सदर लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। राज्य के 17 प्रतिशत मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले इस समुदाय ने कई बार चुनावी समीकरण बदले हैं। बहरहाल बोम्मई के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता की बिसात पर टिके रहना बहुत चुनौतीपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस बार बिसात पर वह अकेले राजा नहीं होंगे। इतिहास गवाह है कि अपने प्रशंसकों में ‘‘राजा हुली’’ (राजा शेर) कहे जाने वाले येदियुरप्पा कब कहां किस खाने में जा बैठेंगे, कहना मुश्किल है।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!