Edited By ,Updated: 01 Apr, 2016 08:28 PM
अपनी माली हालत में सुधार के लिए आंध्रप्रदेश से केरल आए 35 वर्षीय एक विकलांग भिखारी पर उस समय किस्मत मेहरबान हो गई जब उसे 65 लाख रुपए की सरकारी लॉटरी लग गई।
तिरूवनंतपुरम: अपनी माली हालत में सुधार के लिए आंध्रप्रदेश से केरल आए 35 वर्षीय एक विकलांग भिखारी पर उस समय किस्मत मेहरबान हो गई जब उसे 65 लाख रुपए की सरकारी लॉटरी लग गई। भिक्षाटन करने वाले पोन्नैय्या को सरकारी अक्षया लॉटरी में 65 लाख का जैकपॉट हाथ लगा है। बुधवार को उसे 90,000 रुपए मूल्य के कई सांत्वना पुरस्कार भी मिले हैं। वह नियमित रूप से लॉटरी खरीदता था। वह उपनगरीय क्षेत्र वेल्लार्डा में रहता है।
पुलिस से सूचना मिलने के बाद उसके पिता और भाई पुरस्कार राशि लेने के वास्ते जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे वापस ले जाने के लिए कल यहां आए। यह वाकया ऐसे समय में हुआ है जब इससे पहले मजदूरी करने पश्चिम बंगाल से आए 22 वर्षीय व्यक्ति ने पिछले महीने केरल सरकार की लॉटरी में एक करोड़ रूपए जीता था। पोन्नैय्या आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले का रहने वाला है और कभी राज-मिस्त्री का काम करता था लेकिन एक दुर्घटना में अपना पैर गंवाने के बाद वह अपनी पत्नी एवं तीन बच्चों की देखभाल के लिए भीख मांगने लगा।
वेल्लार्डा पुलिस के अनुसार वह इस उपनगरीय और उसके आसपास भिक्षाटन करता है तथा केरल-तमिलनाडु सीमा पर स्थिति मार्थनडाम में एक बस स्टैंड में रातें गुजराता है। उसे भिक्षाटन में जो धन मिलता था उसे वह बैंक के माध्यम से अपने परिवार को भेजता था और हर महीने कुछ पैसे लॉटरी खरीदने के लिए बचा लेता था।