Edited By Yaspal,Updated: 06 Oct, 2018 06:49 PM
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भीमा-कोरेगांव हिंसा को घटना बताने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि भीमा-कोरेगांव कोई हिंसा नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा...
नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भीमा-कोरेगांव हिंसा को घटना बताने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि भीमा-कोरेगांव कोई हिंसा नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के बाद हमने कई छापेमारी की और पता लगया कि वह इस तरह की कई घटनाओं की प्लानिंग कर रहे थे और नक्सलियों के साथ मिलकर सब करना चाहते थे। खुद को बचाने के लिए नजरबंद वामपंथी विचारक सुप्रीम कोर्ट भी गए। लेकिन निर्णय हमारे पक्ष में ही आया।
एचटी लीडरशिप समिट में देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि वह चरम दक्षिणपंथी और वामपंथी को नहीं पहचानते औय़र वह उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जो संविधान के खिलाफ काम करते हैं। 28 सितंबर को फडणवीस ने पिछले साल दिसंबर में भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में पांच कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं के खिलाफ राज्य पुलिस द्वारा जांच में दखल देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था।
अलग-अलग जगहों से पांचों कार्यकर्ताओं को किया गया था गिरफ्तार
महाराष्ट्र के सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले साबित कर दिया है कि राज्य पुलिस ने वरवर राव, अरुण फरेरा, वर्णन गोन्साल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा के खिलाफ कोई साजिश नहीं रची थी। ये पांचों 29 अगस्त से अपने घरों में नजरबंद हैं। तेलगू कवि वरवर राव को हैदराबाद से 28 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। वामपंथी कार्यकर्ता गोन्साल्विस और अरुण फरेरा को मुंबई, सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद से और गौतम नवलखा को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था।
उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए निर्देश में कहा गया था कि गिरफ्तार किए गए पांचों कार्यकर्ताओं की गृह गिरफ्तारी सुरक्षा चार और हफ्तों तक लागू रहेगी। ताकि अभियुक्त उचित कानूनी मंच पर अपने लिए जरूरी कानूनी उपायों की मांग कर सकें। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने गत दिनों बड़ी राहत देते हुए उनकी ट्रांजिट रिमांड और नजरबंदी खारिज कर दी है।