Edited By Anu Malhotra,Updated: 24 Nov, 2021 10:19 AM
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मगंलवार को देश की सुरक्षा के लिए अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले जवानों को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान एक वीर शहीद की मां खुद को रोक न पाई और...
नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मगंलवार को देश की सुरक्षा के लिए अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले जवानों को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान एक वीर शहीद की मां खुद को रोक न पाई और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने ही फफक-फफक कर रो पड़ी, यह दृष्य देख वहां बैठे सभी अतिथि बेहद भावूक हो गए।
दरअसल, मंगलवार को जब जम्मू-कश्मीर में शहीद पुलिसकर्मी बिलाल अहमद मागरे की मां सारा बेगम देश के लिए बलिदान देने वाले बेटे का शौर्य चक्र लेने के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंची और जैसे ही बिलाल अहमद के नाम के साथ उनकी बहादुरी के किस्सों के बारे में बताया जाने लगा, सारा बेगम खुद को संभाल न सकीं और फफक-फफक कर रोने लगीं।
बेटे का शौर्य चक्र लेने पहुंची मां हुई भावुक
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों शौर्य चक्र लेने के लिए आगे बढ़तीं सारा बेगम का एक वीडियो ट्वीट हुआ है, जिसमें जैसे ही बिलाल अहमद का नाम पुकारा गया और सारा बेगम खड़ी हुईं, वैसे ही वो सुबकने लगीं। आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के अभियान के दौरान बिलाल अहमद की बहादुरी की जानकारी भी इस दौरान दी गई।
राजनाथ सिंह ने दी भावुक मां को सांत्वना
वीडियो में देख सकते है कि जब सुरक्षाकर्मी सारा बेगम को अवार्ड ग्रहण करने के लिए आगे ले जा रहे थे तो उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे थे। सारा बेगम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से अवार्ड ग्रहण किया और वरिष्ठ मंत्रियों के अभिवादन के लिए मुडीं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बेहद भावुक मां को सांत्वना देने की कोशिश करते भी दिखाई दिए।
आतंकियों की अंधाधुंध गोलीबारी में घायल होने के बावजूद लोगों को बचाते रहे शहीद बिलाल अहमद
बता दें कि बारामूला में आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद एक आतंकी अभियान छेड़ा गया था, जिसमें बिलाल अहमद भी आम नागरिकों को सुरक्षित निकालने और आतंकियों को ढेर करने के मिशन में शामिल हुए और जब एसपीओ बिलाल अहमद नागरिकों को सुरक्षित निकाल रहे थे, तभी छिपे आतंकियों ने कई हैंड ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के दौरान बिलाल अहमद इस हमले में बुरी तरह घायल हो गए, घायल होने के बावजूद मागरे ने नागरिको को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का साहस दिखाते रहे और अंत में वीरगति को प्राप्त हुए।