Edited By Yaspal,Updated: 11 Feb, 2019 06:39 PM
राज्यसभा में सोमवार को एक विधेयक पेश किया गया जिसमें अरूणाचल प्रदेश की कुछ अनुसूचित जातियों से संबंधित प्रावधान किये गये हैं। अनुसूचित जनजाति मंत्री जुएल ओराम ने संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2019 उच्च...
नई दिल्लीः राज्यसभा में सोमवार को एक विधेयक पेश किया गया जिसमें अरूणाचल प्रदेश की कुछ अनुसूचित जातियों से संबंधित प्रावधान किये गये हैं। अनुसूचित जनजाति मंत्री जुएल ओराम ने संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2019 उच्च सदन में पेश किया।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि वर्तमान में अरूणाचल प्रदेश राज्य की अनुसूचित जनजातियों की सूची में 18 समुदाय और उनके समानार्थी हैं। विधेयक में अनूसचित जनजातियों की सूची में ‘अबोर’ को हटाने, ‘‘खाम्पती’’ की जगह ‘ताई खाम्ती’ का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह ‘मिशमी, इदू, तारोआन’ के स्थान पर ‘‘मिशनी-कमन (मिजु मिशमी), इदू (मिशमी), तारोन (दिगारू मिशमी)’’, ‘‘मोम्बा’’ की जगह ‘‘मोन्पा, मेम्बा, सरताड़, सजोलांड (मिजी)’’ तथा ‘कोई नगा जनजातियां’ के स्थान पर ‘‘नोकते, तांडसा, तुत्सा वांचो’’ के प्रावधान किया गया है। इसमें कहा गया कि ये संशोधन अरूणाचल प्रदेश सरकार, भारत के महापंजीयक और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के साथ परामर्श से किए गये हैं।