Edited By Monika Jamwal,Updated: 03 May, 2019 04:02 PM
उपजिला अस्पताल बिलावर कहने को तो 100 बैड का अस्पताल है, परंतु यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है जिसके चलते मरीज चाहे कैसा भी हो फस्र्ट एड के बाद उसे रैफर कर दिया जाता है। इसका
बिलावर : उपजिला अस्पताल बिलावर कहने को तो 100 बैड का अस्पताल है, परंतु यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है जिसके चलते मरीज चाहे कैसा भी हो फस्र्ट एड के बाद उसे रैफर कर दिया जाता है। इसका नाम यहां के लोगों ने रैफर अस्पताल भी रखा है, क्योंकि सबसे जरूरी अस्पताल में फिजिशियन डॉक्टर होता है, किंतु जहां पर दूसरे विशेषज्ञ डॉक्टरों की तो छोड़ो फिजिशियन तक भी नहीं है। किस तरह से यह अस्पताल चलाया जा रहा है इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। विधानसभा बिलावर में लगभग 65 पंचायतें आती हैं। तहसील जिला तहसील रामकोट, तहसील लोहाई मल्हार के दूरदराज लोगों को भी अपने इलाज के लिए बिलावर अस्पताल आना पड़ता है। लगभग 60 किलोमीटर की दूरी तय कर लोग उपजिला अस्पताल बिलावर पहुंचे हैं, परंतु डॉक्टरों की भारी कमी होने की वजह से इनका इलाज नहीं हो पाता जिससे यह लोग बहुत परेशान होते हैं।
वहीं पहाड़ी लोगों के लिए जम्मू या पठानकोट जाना बहुत मुश्किल होता है। कई मरीज उपजिला अस्पताल में ऐसे भी आते हैं जिनके पास आने-जाने का किराया तक नहीं होता। उसके बाद जब वह यहां से रैफर कर दिए जाते हैं तो लोगों पर क्या वितती है इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। बिलावर से जम्मू या पठानकोट जाना हो तो लगभग 3 घंटे लगते हैं। कुछ मरीज इतने सीरियस होते हैं कि रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। सबसे ज्यादा अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ और फिजिशियन के न होने से जनता ज्यादा बेहाल होती है। यह पद कब से खाली पड़े हैं। लोगों को अपने बच्चों से होने वाली मामूली मर्ज के उपचार के लिए जम्मू या कठुआ के चक्कर काटने पड़ते हैं।
इस अवसर पर लोगों का कहना था कि विधानसभा स्पीकर डा. निर्मल सिंह को इस बात का संज्ञान लेकर जल्द बच्चों के विशेषज्ञ डॉक्टर और फिजिशियन को नियुक्त करवाना चाहिए, ताकि सरकार की लापरवाही बच्चों के स्वास्थ्य के साथ लोगों के साथ खिलवाड़ न कर सके।
क्या कहना है बी.एम.ओ. डा. मनोहर लाल राणा का
इस बारे में ब्लॉक मैडीकल अधिकारी बिलावर डॉ. मनोहर लाल राणा का कहना है कि हमें भी डॉक्टरों की कमी होने से काफी परेशानी पेश आ रही है, लेकिन फिर भी मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता हूं कि लोगों को किसी बात की असुविधा न हो, परंतु जब डॉक्टर ही नहीं होंगे तो अकेले ब्लॉक मैडीकल ऑफिसर क्या कर लेंगे।