Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Jul, 2022 12:15 PM
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच शिंदे गुट ने एक और फतह हासिल की है। दरअसल, रविवार को विधानसभा का विशेष सत्र में अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में बीजेपी के राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष चुने गये। उन्हें 164 वोट मिले हैं।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच शिंदे गुट ने एक और फतह हासिल की है। दरअसल, रविवार को विधानसभा का विशेष सत्र में अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में बीजेपी के राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष चुने गये। उन्हें 164 वोट मिले हैं। वहीं विपक्ष के उम्मीदवार राजन साल्वी चुनाव हार गए हैं। उन्हें केवल 107 वोट मिले हैं। अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने श्री नार्वेकर को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया। इस दौरान जय महाराष्ट्र, जय शिवाजी, और जय श्रीराम के नारे लगे।
अब तक के सबसे युवा विधानसभा अध्यक्ष हैं नार्वेकर
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नार्वेकर देश में अब तक के सबसे युवा विधानसभा अध्यक्ष हैं। उनके ससुर और राकांपा नेता रामराजे नाइक विधान परिषद के सभापति हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र रविवार पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुआ। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को सोमवार को 288 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत का सामना करना होगा। शिवसेना के विधायक रमेश लटके के निधन के कारण विधानसभा में एक सीट रिक्त है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नरहरि जिरवाल अध्यक्ष पद के चुनाव में वोट नहीं डाल सके क्योंकि वह उपाध्यक्ष हैं।
सदन की कार्यवाही के दौरान 12 विधायक अनुपस्थित रहे
मतगणना के बाद, जिरवाल ने कहा, ‘‘शिवसेना के कुछ विधायकों ने पार्टी सचेतक के विरुद्ध मतदान किया है। इसकी रिकॉर्डिंग की जांच की जाएगी और उनके खिलाफ आवश्यक कदम उठाया जाएगा।'' रविवार को सदन की कार्यवाही के दौरान 12 विधायक अनुपस्थित रहे। जगताप मलिक और मुक्ता तिलक बीमार हैं जबकि अनिल देशमुख और नवाब मलिक जेल में हैं। एआईएमआईएम के विधायक मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल सत्र में शामिल नहीं हुए। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के रईस शेख और अबू आजमी तथा एआईएमआईएम के शाह फारुख ने मतदान नहीं किया। कांग्रेस की विधायक प्रणीति शिंदे सदन की कार्यवाही के दौरान अनुपस्थित रहीं।
महाराष्ट्र रविवार को देश का एकमात्र राज्य बन गया जहां विधानसभा और विधान परिषद के पीठासीन अधिकारी दामाद-ससुर हैं। विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर मुंबई की कोलाबा सीट से विधायक हैं और अतीत में शिवसेना तथा राकांपा से उनका नाता रहा है। उनके भाई मकरंद कोलाबा से पार्षद हैं। नार्वेकर अपने शुरुआती दिनों में शिवसेना की युवा इकाई के प्रवक्ता थे और उन्होंने 2014 में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व (उद्धव ठाकरे) तक आम कार्यकर्ता की पहुंच नहीं होने का आरोप लगाते हुए शिवसेना छोड़ राकांपा का दामन थाम लिया था। नार्वेकर ने 2014 में मावल से लोकसभा चुनाव लड़ा और शिवसेना के उम्मीदवार से हार गए। इसके बाद उन्होंने 2019 में भाजपा से कोलाबा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के अशोक जगताप को हराकर विजय हासिल की।