Edited By shukdev,Updated: 18 Jan, 2020 09:24 PM
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने भाजपा-आरएसएस पर देश में गृह युद्ध जैसे हालात पैदा करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि सीएए के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन समय की मांग है। भाकपा के महासचिव डी राजा ने कहा कि सीएए के खिलाफ देश भर में जारी...
पटना: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने भाजपा-आरएसएस पर देश में गृह युद्ध जैसे हालात पैदा करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि सीएए के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन समय की मांग है। भाकपा के महासचिव डी राजा ने कहा कि सीएए के खिलाफ देश भर में जारी अहिंसक एवं शांतिपूर्ण जन आंदोलनों के मद्देनजर राष्ट्रपति को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और इसे “निरस्त” करने की पहल करनी चाहिए।
उन्होंने कहा,“भाजपा-आरएसएस के गठजोड़ ने सांप्रदायिक आधार पर लोगों को ध्रुवीकृत करने और उन्हें विभाजित करने के उद्देश्य से गृह युद्ध जैसी की स्थिति पैदा कर दी है।” उन्होंने कहा कि सीएए ने “लोगों के मन में भारी चिंता पैदा की है क्योंकि यह न केवल मुसलमानों बल्कि आदिवासियों और अन्य जातीय समूहों के साथ भेदभाव करता है।”उन्होंने कहा कि अंबेडकर, नेहरू और पटेल जैसे नेताओं ने कहा था कि नागरिकता को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए लेकिन अब भाजपा-आरएसएस धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता को फिर से परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं।
गौरतलब है कि केरल में वामपंथी सरकार ने पहले ही इस कानून के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया है और उच्चतम न्यायालय में इसे चुनौती दी है। राजा ने कहा कि अब पंजाब (कांग्रेस द्वारा शासित) सरकार ने भी इसका पालन न करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा,“मणिपुर से लेकर महाराष्ट्र तथा तमिलनाडु से लेकर कश्मीर तक, लोग इसको लेकर चिंतित हैं और आंदोलन कर रहे हैं। हमारी पार्टी ने संसद में पेश किए जाने पर इस विधेयक का विरोध किया था और इसके कानून बनने पर भी विरोध जारी है। हम इस कानून को निरस्त करने की मांग करते हैं।”