Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Apr, 2018 08:10 AM
इस वर्ष में होने वाले कई राज्यों के विधानसभा के चुनाव परिणाम कुछ भी आएं मगर भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने मई, 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। लगभग 300 लोकसभा सीटों के लिए टास्क फोर्स बनाने की भर्ती चुपचाप शुरू की गई है।
नेशनल डेस्कः इस वर्ष में होने वाले कई राज्यों के विधानसभा के चुनाव परिणाम कुछ भी आएं मगर भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने मई, 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। लगभग 300 लोकसभा सीटों के लिए टास्क फोर्स बनाने की भर्ती चुपचाप शुरू की गई है। पार्टी द्वारा इन सीटों की पहचान की गई है जिन पर वह देश भर में गम्भीरता से चुनाव लड़ेगी और इसके लिए कार्यकर्त्ताओं की फौज तैयार की जा रही है। यह टास्क फोर्स 3 से 4 महीनों की अवधि के लिए लागू रहेगी। इसके लिए 15 दिन का क्रैश कोर्स दिया जाएगा ताकि वह निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर उनके रीति-रिवाजों और जाति से अवगत हो जाए। इन सभी वर्करों को मोटरसाइकिल, ईंधन और दैनिक भत्ता दिया जाएगा। उनके रहने का प्रबंध स्थानीय भाजपा नेता के घर में किया जाएगा ताकि वे राजनीतिक स्थिति से पूरी तरह अवगत हों।
यह चुनावी मॉडल मई, 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा द्वारा अपनाए गए मॉडल से एकदम भिन्न है। इस टास्क फोर्स की भर्ती सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध ढंग से की जा रही है। भाजपा के महासचिव रामलाल आर.एस.एस. के करीबी सहयोग से इसे लागू कर रहे हैं। आर.एस.एस. की देश भर में विश्वासपात्र कार्यकर्त्ताओं की फौज है। वे सीमित उद्देश्य और सीमित अवधि के लिए अपनी सेवाएं देंगे। 15 दिन का क्रैश कोर्स राज्य स्तर पर आयोजित किया जाएगा और विभिन्न राज्य अपनी सुविधा के अनुसार विभिन्न अवधि के लिए इसका अनुसरण करेंगे मगर इसकी निगरानी, नियंत्रण पूरी तरह केन्द्रीय नेतृत्व करेगा और अभियान का पैसा भी केन्द्रीय नेतृत्व देगा। इससे पहले पार्टी हाईकमान निर्वाचन क्षेत्रों में अपने विश्वासपात्र व्यक्तियों को तैनात किया करता था, चाहे वे स्थानीय रीति-रिवाजों या स्थिति से अवगत हों या न हों। मिशन 2019 को शुरू करना एक स्पष्ट संकेत है कि भाजपा आगामी चुनौतियों से अवगत है।