Edited By Yaspal,Updated: 02 Sep, 2018 07:04 PM
भारतीय जनता पार्टी की प्रशिक्षण नियमावली में माओवाद को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा गया है कि भारत में माओवादियों को...
नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी की प्रशिक्षण नियमावली में माओवाद को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा गया है कि भारत में माओवादियों को पाकिस्तान एवं चीन से नियमित समर्थन’’ प्राप्त हो रहा है। इस नियम पुस्तिका का लक्ष्य पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को अपनी विचारधारा एवं विचारों पर केंद्रित रखना है। इसमें कहा गया है कि ‘‘कथित तौर पर माओवादी जिन्हें नक्सल भी कहा जाता है, पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के सहयोग से संयुक्त हमला करने की साजिश रच रहे हैं।’’
हाल में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा कथित नक्सल कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के साथ ही नक्सलवाद तथा इसे मिल सकने वाले सहयोग का मुद्दा प्रमुखता से सामने आया है। इन गिरफ्तारियों की विपक्षी पार्टियों एवं अधिकार संगठनों ने निंदा की है जबकि भाजपा पुलिस कार्रवाई का मजबूती के साथ बचाव कर रही है। ‘‘माओवाद’’ के अलावा पार्टी की प्रशिक्षण नियमावली में “जबरन धर्म परिवर्तन’’ को भी आंतरिक चुनौती बताया गया है। इसमें दावा किया गया है कि “जिहादी’’ और मसीही’’ के भेष में कई सालों से देश की जनसांख्यिकी को बदलने की साजिश रची जा रही है। मसीही के जरिए स्पष्ट तौर पर कुछ ईसाई समूहों द्वारा धर्म परिवर्तन के कामों की तरफ इशारा किया गया है।
नियमावली में कहा गया, यह देश के लिए एक बड़ा आंतरिक खतरा है। धर्म परिवर्तन में कुछ बाहरी एजेंसियां भी शामिल हैं और वे इन गतिविधियों के लिए बड़े पैमाने पर धनबल और बाहुबल का इस्तेमाल करती हैं।’’ इसमें आगे कहा गया, च्च्धर्म परिवर्तन की गति कुछ राज्यों में इतनी तेज है कि इसने उनकी जनसांख्यिकी को पूरी तरह बदल दिया है। ऐसे राज्यों में लोग इसे लेकर बेहद गुस्से में हैं और उनका गुस्सा किसी भी वक्त विस्फोटक साबित हो सकता है।’’ नियमावली में कहा गया कि जबरन धर्मांतरण भाईचारे एवं सामाजिक एकजुटता के माहौल को बिगाड़ता है। साथ ही इसमें कुछ राजनीतिक पार्टियों पर धर्म परिवर्तन को “बढ़ावा देने’’ या मौन समर्थन’’ देने का आरोप भी लगाया गया है।