Edited By vasudha,Updated: 11 Apr, 2018 05:14 PM
सरकार चाहे लोगों की सुरक्षा के लाख दावे करती हो लेकिन सच्चाई इससे विपरीत ही दिखाई दे रही है। हवाई सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार 59 एयरपोर्ट में से महज 6 ऐसे हैं...
नेशनल डेस्क: सरकार चाहे लोगों की सुरक्षा के लाख दावे करती हो लेकिन सच्चाई इससे विपरीत ही दिखाई दे रही है। हवाई सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार 59 एयरपोर्ट में से महज 6 ऐसे हैं जहां बम को निष्क्रिय करने के पूरे साधन उपलब्ध हैं। ऐसे में यात्रियों की जानमान की सुरक्षा राम भरोसे ही चल रही है।
एयरपोर्ट पर 28 उपकरणों का मौजूद होना जरूरी
फॉर सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) के मुताबिक केवल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, कोच्चि और हैदराबाद एयरपोर्ट पर सुरक्षा उपकरण मौजूद है। एयरपोर्ट पर विस्फोटक का पता लगाने या उसे निष्क्रिय करने के लिए 28 उपकरणों का मौजूद होना जरूरी है। इनमें विस्फोटक वाष्प डिटेक्टर, बम निरोधक सूट और डिटेक्टर शामिल हैं। इनमें से कोलकाता और चेन्नई एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की देख रेख में हैं लेकिन बाकी सभी प्राइवेट कंपनियों के हाथों में हैं।
यात्रियों की सुरक्षा के साथ हो रहा खिलवाड़
सीआईएसएफ के एक अधिकारी के अनुसार देश के हवाई अड्डों, बंदरगाहों, पावर प्लांट्स और सभी संवेधनशील सरकारी भवनों की सुरक्षा के लिए 1969 में सीआईएसएफ का गठन किया गया था। देश के 98 में से 59 एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा भी सीआईएसएफ के पास ही है। इन 59 एयरपोर्ट्स के लिए हमें 1652 उपकरण चाहिए, लेकिन फिलहाल 423 ही उपलब्ध हैं। अधिकारी ने कहा कि बम निरोधक दस्ते का एयरपोर्ट पर मौजूद नहीं होना यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने बताया कि एएआई, बीसीएएस और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखकर सभी उपकरण मुहैया कराने का आग्रह किया गया है।