Edited By Tanuja,Updated: 04 Feb, 2024 04:05 PM
अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की जहां पूरी दुनिया के मीडिया ने शानदार कवरेज की वहीं ब्रिटिश ब्राड कास्ट (BBC) राममंदिर व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के...
लंदनः अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की जहां पूरी दुनिया के मीडिया ने शानदार कवरेज की वहीं ब्रिटिश ब्राड कास्ट (BBC) राममंदिर व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी कर विवादों में घिर गया है। इसके खिलाफ ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन आवाज उठाई है। बॉब ने राम मंदिर की एकतरफा कवरेज को लेकर BBC की क्लास लगाई और कहा कि 22 जनवरी दुनियाभर के हिंदुओं के लिए खुशी का दिन था, लेकिन अफसोस की बात है कि बीबीसी ने अपनी कवरेज में सिर्फ यह बताया कि यह वही जगह है जहां एक मस्जिद तबाह की गई थी।
BBC की हेडलाइन में लिखा था- जिस जगह मस्जिद ढहाई गई, वहीं PM मोदी ने मंदिर का उद्घाटन किया। भारत के प्रधानमंत्री ने हिंदुओं के भगवान राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन में हिस्सा लिया।उनके अलावा फिल्मी सितारों, उद्योगपतियों समेत हजारों मेहमान प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए। विपक्ष ने इस कार्यक्रम का विरोध किया और प्रधानमंत्री मोदी पर मंदिर के जरिए सियासी फायदा उठाने के आरोप लगाए। बॉब ने फटकारते हुए कहा कि क्या BBC भूल गया कि इससे पहले यहां 2 हजार सालों तक मंदिर था। इसके अलावा मुस्लिमों को मस्जिद के लिए 5 एकड़ की एक जगह दी गई है, जहां वो मस्जिद बना सकते हैं। इसके बाद ब्रिटिश सांसद ने BBC की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए संसद में इस मुद्दे पर बहस की मांग की है।
सोशल मीडिया पर भी बॉब ब्लैकमैन ने BBC कवरेज को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के बारे में BBC की रिपोर्टिंग को लेकर मतदाताओं ने चिंता जताई है। मैं हिंदुओं के अधिकारों का समर्थक हूं और इतने बड़े मीडिया हाउस की ऐसी कवरेज चिंता पैदा करती है। दुनिया में क्या हो रहा है, इसे लेकर BBC को सही जानकारी देनी चाहिए। बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर दुनियाभर के मीडिया हाउस की नजर थी। इस दौरान BBC ने अपनी कवरेज में लिखा था कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम ने कुछ मुस्लिमों की दर्दनाक यादों को फिर ताजा कर दिया। भारत में भी BBC कई विवादों में घिरा रहा है। BBC ने 17 जनवरी 2023 को ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड यूट्यूब पर रिलीज किया था।
पहले एपिसोड के डिस्क्रिप्शन में लिखा था कि ये डॉक्यूमेंट्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच तनाव पर नजर डालती है। गुजरात में 2002 में हुए दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका के दावों की जांच करती है। डॉक्यूमेंट्री को लेकर लंबे समय तक विवाद चला था। दूसरा एपिसोड 24 जनवरी 2023 को रिलीज होना था। इससे पहले ही केंद्र सरकार ने पहले एपिसोड को यूट्यूब से हटा दिया था। केंद्र सरकार ने इसे दुष्प्रचार और प्रोपेगैंडा बताया था।