Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 12:08 PM
सीबीआई ने आरटीआई अधिनियम के तहत खुलासों से मिली छूट का दावा करते हुए भगौड़े कारोबारियों ललित मोदी और विजय माल्या को भारत लाने पर हुए खर्च का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया। पुणे के कार्यकर्ता विहार धुर्वे ने सीबीआई से 9,000 करोड़ रुपए के घोटाले के...
नई दिल्ली: सीबीआई ने आरटीआई अधिनियम के तहत खुलासों से मिली छूट का दावा करते हुए भगौड़े कारोबारियों ललित मोदी और विजय माल्या को भारत लाने पर हुए खर्च का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया। पुणे के कार्यकर्ता विहार धुर्वे ने सीबीआई से 9,000 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपों को लेकर भारत में वांछित माल्या और धनशोधन जांच का सामना कर रहे मोदी को देश वापस लाने पर हुए खर्च का ब्यौरा मांगा था। दोनों ही कारोबारियों ने आरोपों से इनकार किया है।
वित्त मंत्रालय ने भेजा था सीबीआई के पास आरटीआई आवेदन
वित्त मंत्रालय ने सीबीआई के पास आरटीआई आवेदन भेजा था। एजेंसी ने उसे इस तरह के मामलों की जांच करने वाले विशेष जांच दल के पास भेजा। आरटीआई आवेदन के जवाब में सीबीआई ने कहा कि उसे 2011 की एक सरकारी अधिसूचना के जरिये आरटीआई अधिनियम के तहत किसी भी तरह का खुलासा करने से छूट मिली हुई है। अधिनियम की धारा 24 के तहत कुछ संगठनों को सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत छूट मिली हुई है। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने इससे पहले रेखांकित किया था कि धारा 24 के तहत सूचीबद्ध संगठन सूचना के ‘‘भ्रष्टाचार एवं मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों’ से जुड़े होने पर खुलासे से छूट का दावा नहीं कर सकते।