Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Mar, 2020 04:34 PM
जानलेवा कोरोना वायरस (covid-19) से देश को बचाने के लिए मोदी सरकार ने काफी समय पहले ही प्रयास शुरू कर दिए थे। रविवार को भी पीएम मोदी की अपील पर देशवासियों ने जनता कर्फ्यू का समर्थन किया और लोग घरों में ही बंद रहे। इतना ही नहीं शाम 5 बजे लोग अपने घरों...
नेशनल डेस्कः जानलेवा कोरोना वायरस (covid-19) से देश को बचाने के लिए मोदी सरकार ने काफी समय पहले ही प्रयास शुरू कर दिए थे। रविवार को भी पीएम मोदी की अपील पर देशवासियों ने जनता कर्फ्यू का समर्थन किया और लोग घरों में ही बंद रहे। इतना ही नहीं शाम 5 बजे लोग अपने घरों की छतों और गेटों पर खड़े होकर 5 मिनट के लिए तालियां, थालियां और घटियां बजाईं। कोरोना के खिलाफ केंद्र की तैयारियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी मोदी सरकार की पीठ थपथपाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से निपटने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए ‘अति सक्रिय कदमों' पर सोमवार को संतोष व्यक्त किया और कहा कि उसके आलोचक भी इन प्रयासों की सराहना कर रहे हैं।
चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि हम संतुष्ट हैं कि सरकार मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए बहुत सक्रिय हो गई है और उसके आलोचक भी कह रहे हैं कि वे (सरकार) अच्छा काम कर रहे हैं। पीठ ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने के साथ ही ज्यादा एहतियाती उपायों का निर्देश संबंधित प्राधिकारियों को देने के लिए दायर याचिकओं पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां कीं।
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्त्ताओं से कहा कि वे इस संबंध में सरकार के पास अपना प्रतिवेदन दें। याचिकाकर्त्ताओं में से एक याचिकाकर्ता ने इस स्थिति से निपटने तथा संदिग्ध व्यक्तियों को अलग रखने के लिए बने केंद्रों की संख्या बढ़ाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।