Edited By Seema Sharma,Updated: 24 May, 2020 10:40 AM
योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पंतजलि को बड़ा झटका लगा है। दरअसल बाबा की कंपनी ने कोरोना मरीजों पर आयुर्वेदिक दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी थी और दावा किया जा रहा था कि उनको परमिशन मिल भी गई है। सोशल मीडिया पर बवाल मचने के बाद इंदौर जिला...
patanjali Medicine of Corona: योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पंतजलि को बड़ा झटका लगा है। दरअसल बाबा की कंपनी ने कोरोना मरीजों पर आयुर्वेदिक दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी थी और दावा किया जा रहा था कि उनको परमिशन मिल भी गई है। सोशल मीडिया पर बवाल मचने के बाद इंदौर जिला प्रशासन ने शनिवार को इस बात से इंकार किया कि उसने बाबा रामदेव के पतंजलि समूह की कुछ आयुर्वेदिक दवाओं को Covid-19 के मरीजों पर चिकित्सकीय रूप से परखे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। स्थानीय मीडिया में छपी खबरों का हवाला देते हुए सोशल मीडिया पर कई लोगों ने जिला प्रशासन पर निशाना साधा था। इन खबरों में दावा किया गया था कि कुछ आयुर्वेदिक दवाओं को कोरोना मरीजों पर परखे जाने को लेकर पतंजलि समूह के प्रस्ताव को प्रशासन ने हरी झंडी दिखा दी है।
सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं का कहना है कि मरीजों पर दवाओं के चिकित्सकीय परीक्षण की मंजूरी सरकार की नियामकीय संस्थाएं देती हैं और प्रशासन को इस तरह के किसी भी प्रस्ताव को अनुमति देने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर जिलाधिकारी मनीष सिंह ने कहा कि पहली बात तो यह कि एलोपैथी दवाओं की तरह आयुर्वेदिक औषधियों के मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल (चिकित्सकीय परीक्षण) किए ही नहीं जाते। बहरहाल, हमने पतंजलि समूह की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर इस तरह के किसी ट्रायल की फिलहाल कोई औपचारिक मंजूरी नहीं दी है। हालांकि जिलाधिकारी ने कहा कि आइसोलेशन में रखे गए कोरोना मरीजों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए एलोपैथी दवाओं के साथ ही अश्वगंधा और अन्य जड़ी-बूटियों से बनी आयुर्वेदिक दवाएं भी दी जा रही हैं।
डॉक्टर इन मरीजों की सेहत पर बराबर निगाह रख रहे हैं। प्रदेश सरकार के एक आला अधिकारी ने बताया कि पतंजलि ने इंदौर में कोविड-19 के मरीजों की सहमति लेने के बाद उन पर अपनी कुछ आयुर्वेदिक दवाओं का असर परखने की मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव हाल ही में भेजा था जिसे जिलाधिकारी के पास भेजा गया था लेकिन उन्होंने इसकी अनुमति नहीं दी। इंदौर, देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है और महामारी का प्रकोप कायम रहने के कारण यह रेड जोन में बना हुआ है।