Edited By Parveen Kumar,Updated: 12 Mar, 2024 11:15 PM
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को ‘‘विभाजनकारी और बेकार'' बताते हुए मंगलवार को इसे खारिज कर दिया और कहा कि इसे उनके राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।
नेशनल डेस्क : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को ‘‘विभाजनकारी और बेकार'' बताते हुए मंगलवार को इसे खारिज कर दिया और कहा कि इसे उनके राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। स्टालिन ने लोकसभा चुनाव नजदीक होने के बीच सीएए लागू करने के लिए नियमों को ‘‘जल्दबाजी में'' अधिसूचित करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सीएए और इसके नियम संविधान की मूल संरचना के खिलाफ हैं।
सीएए को लेकर विरोध और उच्चतम न्यायालय में लंबित संबंधित मामलों की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे यह धारणा बनती है कि क्या चुनावी राजनीति के लिए नियमों को ‘‘अब शीर्ष अदालत की आलोचना से बचने और लोगों का ध्यान भटकाने के इरादे से अधिसूचित किया गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘सीएए से कोई लाभ नहीं होने वाला है। यह भारतीय जनता के बीच सिर्फ फूट डालने का रास्ता तैयार करेगा।''
स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार का रुख यह है कि यह कानून पूरी तरह अनुचित है और इसे निरस्त किया जाना चाहिए। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, स्टालिन ने कहा, ‘‘इसलिए, तमिलनाडु सरकार राज्य में सीएए लागू करने का किसी भी तरीके से कोई अवसर नहीं देगी।'' उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कभी भी ऐसे किसी कानून के लिए अवसर नहीं देगी जो ‘भारत की एकता पर आघात करेगा।' राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष स्टालिन ने दोहराया कि सीएए बहुलवाद, धर्मनिरपेक्षता, अल्पसंख्यक समुदायों और श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों के खिलाफ है।