Edited By rajesh kumar,Updated: 18 Jan, 2023 08:26 PM
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल द्वारा एंड्रायड मामले में कई बाजारों में अपने दबदबे की स्थिति के कथित दुरुपयोग का मुद्दा ‘राष्ट्रीय महत्व' का है और दुनिया यह देख रही है कि भारत...
नेशनल डेस्क: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल द्वारा एंड्रायड मामले में कई बाजारों में अपने दबदबे की स्थिति के कथित दुरुपयोग का मुद्दा ‘राष्ट्रीय महत्व' का है और दुनिया यह देख रही है कि भारत कैसे इस मामले से निपटता है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी तथा न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ से सीसीआई की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमण ने कहा कि शीर्ष अदालत को मामले की सुनवाई करनी चाहिए और गूगल को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में ‘दो पारियां' नहीं दी जानी चाहिए। इससे पहले, पीठ ने शुरू में कहा था कि वह मामले को अपीलीय न्यायाधिकरण में भेजने पर गौर कर रही है।
गूगल की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि वह अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के सुझाव से सहमत हैं और दोनों पक्ष चाहते हैं कि यह न्यायालय मामले की सुनवाई करे और इसका निपटान करे। पीठ ने इस पर कहा कि वह इस बात पर सहमत है कि किसी के लिये भी दो पारियां नहीं हो सकती हैं और न्यायालय बृहस्पतिवार को इस पर सुनवाई करेगा। एंड्रॉयड एक लोकप्रिय ‘ओपन सोर्स' मोबाइल परिचालन प्रणाली है। इसका उपयोग स्मार्टफोन और टैबलेट के मूल उपकरण विनिर्माता करते हैं।
‘ओपन सोर्स' का मतलब है कि कोई भी किसी भी तरह का उपकरण बनाने के लिये इसका उपयोग कर सकता है। शीर्ष अदालत अमेरिकी कंपनी गूगल की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती दी गयी है। आदेश में प्रतिस्पर्धा आयोग की तरफ से बाजार में मजबूत स्थिति का कथित दुरुपयोग को लेकर लगाये गये 1,337 करोड़ रुपये के जुर्माने पर कोई अंतरिम राहत देने से मना कर दिया गया था।