वीके सक्सेना और केजरीवाल में फिर बढ़ सकता है टकराव! अब इस मामले में एलजी ने दिल्ली सरकार से मांगी रिपार्ट

Edited By Yaspal,Updated: 08 Aug, 2022 05:14 PM

conflict between vk saxena and kejriwal may escalate again

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने 2017 से 2021 के बीच भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की चार रिपोर्ट पेश किए जाने में ''अत्यधिक देरी'' को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा। उपराज्यपाल ने केजरीवाल से सार्वजनिक धन...

नई दिल्लीः दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने 2017 से 2021 के बीच भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की चार रिपोर्ट पेश किए जाने में ''अत्यधिक देरी'' को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा। उपराज्यपाल ने केजरीवाल से सार्वजनिक धन की ''बर्बादी'' से बचने के लिए इस तरह की प्रथा से बचने को कहा। सक्सेना ने कहा कि यह भी स्पष्ट नहीं है कि विधानसभा में सभी लेखापरीक्षा रिपोर्टों को एक साथ पेश करने से नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ''गंभीर'' टिप्पणियों पर चर्चा करने का अवसर मिल पाएगा या नहीं।

इस महीने की शुरुआत में उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया था कि 2017-18 की 'राज्य वित्त लेखापरीक्षा रिपोर्ट', 2018-19 की 'राजस्व आर्थिक, सामाजिक एवं सामान्य क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम' रिपोर्ट, 2019-20 की सामान्य सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्र (गैर-पीएसयू) रिपोर्ट' और 2020-21 की 'जीएनसीटीडी के वित्त खाते' रिपोर्ट जून के अंत तक सरकार के पास लंबित हैं। सरकार ने उपराज्यपाल कार्यालय के निरंतर हस्तक्षेप के बाद पांच जुलाई को दिल्ली विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान ये रिपोर्ट पेश की थीं।

सक्सेना ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा, ''यह देखा गया है कि उपरोक्त रिपोर्टों में इंगित की गई कई अनियमितताएं गंभीर प्रकृति की हैं, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। विधानसभा के समक्ष लेखापरीक्षा प्रतिवेदनों को प्रस्तुत करने में अत्यधिक विलम्ब से न केवल समय पर सुधारात्मक कार्रवाई में देरी हुई बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से कथित कमियां भी कायम रहीं। इस प्रकार दक्षता, जवाबदेही व निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने का लेखापरीक्षा का उद्देश्य विफल हो गया।''

संविधान के अनुसार कैग सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करता है, जो वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद रिपोर्ट को उपराज्यपाल के पास भेजकर इसे विधानसभा में पेश करने की सिफारिश करती है। उपराज्यपाल ने पत्र में कहा, ''मैं एक बार फिर आपसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि भविष्य में, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार से संबंधित भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष समय पर रखी जाए और सार्वजनिक धन की बर्बादी व दुरुपयोग से बचने के लिए समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट में की गई टिप्पणियों पर आवश्यक कार्रवाई की जाए।''

 

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