Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Jul, 2020 04:22 PM
कांग्रेस ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट और उनके साथी मंत्रियों को उनके पदों से हटा दिया। कांग्रेस ने मंगलवार को पायलट को उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पद से भी हटा दिया। वहीं पायलट से कुर्सी...
नेशनल डेस्कः कांग्रेस ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट और उनके साथी मंत्रियों को उनके पदों से हटा दिया। कांग्रेस ने मंगलवार को पायलट को उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पद से भी हटा दिया। वहीं पायलट से कुर्सी छीनने के बाद कांग्रेस ने पायलट को खूब सुनाया। रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस द्वारा पायलट पर किए गए एहसान गिनाए और कहा कि 'छोटी उम्र में पार्टी ने उन्हें जो राजनीतिक ताकत दी, वह किसी और को नहीं दी लेकिन अब सरकार गिराने की साजिश मंजूर नहीं।
हम मनाते रहे वो नहीं माने
मीडिया से बात करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 72 घंटे से सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के आला नेतृत्व ने सचिन पायलट और उनके साथी मंत्रियों, विधायकों से संपर्क करने की कोशिश की। कांग्रेस आलाकमान ने न जाने कितनी बार पायलट से बात की हमने अपील की कि पायलट और बाकी विधायकों के लिए दरवाजे खुले हैं, वापस आइए। मतभेद दूर करेंगे। पार्टी से बात करके मसला सुलझाते हैं लेकिन पायलट नहीं माने और वे भाजपा के षडयंत्र में उलझकर कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश में शामिल हो गए।
26 की उम्र में सांसद, 32 की उम्र में मंत्री
सुरजेवाला ने कहा कि हम पिछले चार दिन से पायलट से लौट आने की अपील कर रहे हैं। कांग्रेस ने खुले मन से कहा कि परिवार का सदस्य अगर रास्ता भटक जाए, सुबह का भूला शाम को घर आ जाए, तो वो भूला नहीं कहलाता, वो परिवार का सदस्य है, पायलट की पूरी बात सुनी जाएगी। हर बात का हल निकाला जाएगा। लेकिन खेद है कि पायलट भटक गए। सुरजेवाला ने कहा कि पायलट को पार्टी ने क्या नहीं दिया। छोटी उम्र में जो राजनीतिक ताकत उनको दी गई, शायद किसी को मिली हो। 2003 में सचिन पायलट राजनीति में आए, इसके बाद 26 साल की उम्र में 2004 में उन्हें कांग्रेस ने सांसद बनाया और 32 साल की उम्र में केंद्र में मंत्री बनाया। 34 साल की उम्र में उनको प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी व 40 साल की उम्र में उपमुख्यमंत्री बनाए गए। सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी का व्यक्तिगत आशीर्वाद पायलट के साथ था, इसलिए इतना दिया गया पर वो सरकार गिराने पर अड़े रहे।
सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि बगावत करने वाले सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं है और वे केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने कहा कि भाजपा मध्य प्रदेश के खेल को राजस्थान में भी दोहराना चाहती थी और 'यह सब' पिछले छह महीने से चल रहा था। गहलोत ने कहा कि पायलट व उनके साथ गए अन्य मंत्रियों, विधायकों को मौका दिया गया, लेकिन वे न तो सोमवार को और न ही मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आए।