Edited By vasudha,Updated: 29 May, 2018 01:50 PM
पूर्व राष्ट्रपति एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे हैं। 7 जून को होने वाले इस आयोजन के लिए आरएसएस की तरफ से उन्हे आमंत्रित किया गया था जिसे पूर्व राष्ट्रपति ने स्वीकार...
नेशनल डेस्क: पूर्व राष्ट्रपति एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे हैं। 7 जून को होने वाले इस आयोजन के लिए आरएसएस की तरफ से उन्हे आमंत्रित किया गया था जिसे पूर्व राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि उनके इस फैसले के बाद राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस नेता ने इसका विरोध जताते हुए कहा कि आरएसएस का आत्मसम्मान मर गया है।
RSS का मर गया स्वाभिमान
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति का संघ के कार्यक्रम में जाना काफी आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी सांप्रदायिकता और हिंसा को लेकर आरएसएस की भूमिका पर कई बार सवाल उठा चुके हैं। दीक्षित ने कहा कि ऐसे व्यक्ति जो आरएसएस को सांप से भी जहरीला मानते हैं, उन्हें कार्यक्रम में बुलाया जा रहा है तो क्या प्रणव मुखर्जी ने अपनी विचारधारा बदली है या RSS में ही कोई स्वाभिमान नहीं बचा है।
भागवत के साथ मंच सांझा करेंगे मुखर्जी
बता दें कि प्रणब मुखर्जी अगले माह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। जहां संघ संचालक मोहन भागवत भी शिरकत करेंगे। यह कार्यक्रम नागपुर के रेशम बाग स्थित संघ मुख्यालय पर होगा। हालांकि इस संबंध में प्रणब मुखर्जी की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह संघ के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे या नहीं। इस प्रशिक्षण शिविर में देश भर के करीब 708 स्वयं सेवक भाग ले रहे हैं। पिछले सप्ताह रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण हेडगेवार स्मृति मन्दिर गयी थीं और उन्होंने संघ के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी से मुलाकात की थी। इस साल के शुरू में मुखर्जी ने प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन के प्रारंभ होने के अवसर पर संघ के शीर्ष नेताओं को बुलाया था। राष्ट्रपति के रूप में मुखर्जी के कार्यकाल के अंत में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मुखर्जी से मिले थे।