Edited By Pardeep,Updated: 12 Sep, 2018 05:26 AM
तेलंगाना की तीन विपक्षी पार्टियों- कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई)- ने सत्तारूढ टीआरएस को परास्त करने के लिए मंगलवार को महा कूटमी (महागठबंधन) बनाने की घोषणा की। हालांकि इसकी सटीक रूपरेखा बनना अभी बाकी है।...
हैदराबादः तेलंगाना की तीन विपक्षी पार्टियों- कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई)- ने सत्तारूढ टीआरएस को परास्त करने के लिए मंगलवार को महागठबंधन बनाने की घोषणा की। हालांकि इसकी सटीक रूपरेखा बनना अभी बाकी है। टीडीपी के इतिहास में यह पहली बार है जब वह उस कांग्रेस के साथ गठबंधन करने जा रही है जिसके विरोध के नाम पर ही 1982 में उसका गठन हुआ था। सीपीआई पहले भी दोनों दलों के साथ गठबंधन में रह चुकी है।
कांग्रेस, टीडीपी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेताओं ने एक होटल में बैठक की। गठबंधन के निमित्त यह इनकी पहली बैठक थी। बता दें कि मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने जल्द चुनाव कराने के लिए पिछले सप्ताह विधानसभा भंग कर दी थी। चुनाव अब नवंबर में हो सकते हैं। वहीं विपक्षी दलों ने टीआरएस प्रमुख के कदम को अलोकतांत्रिक करार दिया है।
बैठक में उत्तम कुमार रेड्डी, टीडीपी की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष एल. रमना और भाकपा की राज्य इकाई के सचिव चादा वेंकट रेड्डी और तीनों पार्टियों के अन्य नेताओं ने बातचीत में हिस्सा लिया। बाद में उन्होंने अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से मुलाकात की और राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर राव के कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहते स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है।
गौरतलब है कि टीडीपी और कांग्रेस में गठबंधन की बात तो पहले से चल रही थी लेकिन यह पहली बार हुआ है कि दोनों दलों के साथ एकसाथ बैठे हैं। इससे पहले टीडीपी नेताओं ने अपने अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू से 8 और 9 सितंबर को हैदराबाद में लंबी बातचीत की थी।