निजी स्कूलों को सरकारी जमीन खाली करने के आदेश पर अदालत का यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश

Edited By Monika Jamwal,Updated: 24 Jun, 2022 09:42 PM

court directs private schools to  vacate government land

जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों को राज्य की जमीन पर स्थापित निजी स्कूलों को संचालन बंद करने के आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है।

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों को राज्य की जमीन पर स्थापित निजी स्कूलों को संचालन बंद करने के आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है।

 

न्यायमूर्ति मोक्ष खजूरिया काजमी ने बुधवार को यह आदेश दिया। अदालत ने राज्य के प्रतिवादियों को 18 जुलाई को अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। जम्मू कश्मीर निजी स्कूल संघ ने शिक्षा विभाग द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें निजी स्कूलों को संबंधित राजस्व अधिकारियों से अपनी भूमि की प्रकृति का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कहा गया था।

 

बडगाम के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने वहां (बडगाम में) राज्य की जमीन पर स्थापित स्कूलों से संचालन बंद कर वहां पढ़ रहे छात्रों का नजदीकी सरकारी स्कूलों में दाखिला कराने को कहा था। उच्च न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए याचिका पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।

 

राज्य की जमीन पर संचालित निजी स्कूलों को बंद करने का यह कदम सरकार द्वारा फलाह-ए-आम ट्रस्ट द्वारा संचालित लगभग एक दर्जन स्कूलों पर प्रतिबंध लगाने के बाद आया है।

 

पूरे जम्मू कश्मीर में राज्य की भूमि पर सैकड़ों छोटे निजी स्कूल स्थापित किए गए हैं। कुछ प्रमुख मिशनरी स्कूल उन्हें पट्टे पर दी गई सरकारी भूमि पर भी संचालित हो रहे हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि राज्य की जमीन पर निजी स्कूलों को बंद करने का आदेश बड़े स्कूलों पर भी लागू होगा या नहीं।
 

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