Edited By Parveen Kumar,Updated: 03 Oct, 2025 12:41 AM

राजस्थान के कोटा में दशहरा मेले के दौरान बड़ा हादसा होते-होते टल गया। पूजा-अर्चना के बाद गढ़ के दरीखाने से राजसी ठाठ-बाट के साथ हाथी पर भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी निकाली गई। जैसे ही यह शोभायात्रा दशहरा मैदान पहुंची, हाथी अचानक बेकाबू हो गया और...
नेशनल डेस्क: राजस्थान के कोटा में दशहरा मेले के दौरान बड़ा हादसा होते-होते टल गया। पूजा-अर्चना के बाद गढ़ के दरीखाने से राजसी ठाठ-बाट के साथ हाथी पर भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी निकाली गई। जैसे ही यह शोभायात्रा दशहरा मैदान पहुंची, हाथी अचानक बेकाबू हो गया और भीड़ की ओर दौड़ पड़ा। महावत ने उसे काबू करने की कोशिश की, लेकिन हाथी लगातार उग्र होता गया।
भगदड़ और अफरा-तफरी
हाथी को भीड़ की ओर आते देख लोगों में हड़कंप मच गया। भगदड़ मचते ही लोग बेरिकेटिंग कूदकर भागने लगे। कई लोग गिर गए और मौके पर अफरा-तफरी मच गई। हाथी के टकराने से बेरिकेटिंग के पास लगा बिजली का पोल भी गिर गया। हालांकि गनीमत रही कि कोई इसकी सीधी चपेट में नहीं आया, वरना हादसा बड़ा हो सकता था।
सवारी में दिखा राम-रावण युद्ध
भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी के साथ राम-रावण युद्ध की झांकियां भी शामिल थीं। राक्षस घोड़ों पर सवार होकर वानर सेना से भिड़ते दिखे, वहीं मां कालिका का रौद्र रूप और असुर संहार भी जनता को आकर्षित करता रहा। इस दौरान भील और सहरिया जनजाति ने भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं और श्रद्धालुओं ने भगवान के जयकारे लगाए।
सबसे बड़ा रावण भी अधूरा जला
कोटा के दशहरा मैदान में इस बार देश का सबसे बड़ा रावण का पुतला बनाया गया था, लेकिन बुधवार की बारिश के कारण यह पूरी तरह से नहीं जल सका। अंदर का बारूद तो फटा लेकिन रावण और कुंभकरण का हिस्सा अधूरा ही रह गया। इसी बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और सीएम भजन लाल भी मैदान से रवाना हो गए। भीगा हुआ रावण लोगों का उत्साह फीका कर गया और भीड़ धीरे-धीरे मैदान से निकलने लगी।