Edited By ,Updated: 18 Aug, 2016 07:27 PM
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निराशा जताई है जिसमें न्यायालय ने ‘दही हांडी’ उत्सव में नाबालिगों के हिस्सा ....
मुंबई: मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निराशा जताई है जिसमें न्यायालय ने ‘दही हांडी’ उत्सव में नाबालिगों के हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है। ठाकरे ने कहा कि अदालतों को परम्पराओं और संस्कृति के मामलों में दखल देने से अलग रहना चाहिए।
ठाकरे ने कहा,‘‘अदालतों को त्योहारों में दखल नहीं देना चाहिए जो वर्षों से साथ साथ चल रहे हैं। सारे निर्णय अदालतें कर रही हैं। अगर एेसा ही चलता रहेगा तो फिर विधानसभा या लोकसभा चुनाव क्यों होते हैं? हर मामले पर अदालत ही निर्णय करे।’’ उच्चतम न्यायालय ने कल बंबई उच्च न्यायालय द्वारा तय शर्तों में ढील देने से इंकार कर दिया। महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के अवसर पर ‘दही हांडी’ उत्सव में उच्च न्यायालय ने 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों को हिस्सा लेने से रोक लगा दिया है।
मनसे प्रमुख ने कहा,‘‘हिंदू त्योहारों पर न्यायपालिका कठोर रही है।’’ उन्होंने पूछा कि ‘मुहर्रम’ में बच्चों के हिस्सा लेने के मुद्दे पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस दही हांडी के मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं।