Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Apr, 2020 12:07 PM
चीनी किट से रैपिड टेस्ट पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) आज अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है। बता दें कि कोरोना की जांच के लिए चीन से खरीदी गईं रैपिड जांच किट से गलत नतीजे निकलने की शिकायतों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने इन किटों से टेस्ट करने पर दो...
नेशनल डेस्कः चीनी किट से रैपिड टेस्ट पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) आज अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है। बता दें कि कोरोना की जांच के लिए चीन से खरीदी गईं रैपिड जांच किट से गलत नतीजे निकलने की शिकायतों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने इन किटों से टेस्ट करने पर दो दिन के लिए रोक लगा दी थी। ICMR ने कहा था कि आठ प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक अगले दो दिनों के दौरान स्वयं फील्ड में जाकर इन किटों का परीक्षण करेंगे। इसके बाद सरकार आगे इनके इस्तेमाल को लेकर अंतिम फैसला लेगी। राजस्थान ने भी एक दिन पहले आईसीएमआर द्वारा भेजी गई रैपिड जांच किट यह कहकर लौटा दी थी कि इनसे बहुत कम मामलों की जांच हो पा रही है।
राजस्थान ने पांच फीसदी नतीजे ही सही देने की बात कही थी। इसके बाद आईसीएमआर ने मंगलवार को तीन और राज्यों से जानकारी जुटाई। आईसीएमआर के प्रतिनिधि डा. रमन गंगाखेडकर ने कहा कि पता चला है कि रैपिड जांच किट द्वारा किए जा रहे परीक्षणों में 6-71 फीसदी का तक अंतर है। यह अंतर बहुत ज्यादा है। रैपिड किट आरटीपीसीआर टेस्ट की तरह पूरी तरह से सही नतीजे नहीं देती हैं लेकिन जितना फर्क आ रहा है, वह बहुत ज्यादा है। इसलिए राज्यों को कहा गया है कि वे अगले दो दिन किट का इस्तेमाल नहीं करें। दो दिन बाद आईसीएमआर की ओर से आगे के लिए दिशा-निर्देश जारी होंगे। राजस्थान के अलावा पश्चिम बंगाल सरकार ने भी केंद्र सरकार पर खराब कोरोना वायरस टेस्ट किट देने का आरोप लगाया है। बंगाल सरकार ने आरोप लगाया था कि इस किट की वजह से बार-बार टेस्ट की रिपोर्ट गलत आ रही है।