Exclusive interview: 2019 में देश फिर मोदी को चुनेगा पीएम: मनोज तिवारी

Edited By Anil dev,Updated: 14 Jul, 2018 10:41 AM

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दिल्ली के बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी से पंजाब केसरी-नवोदय टाइम्स की खास बातचीत।

नई दिल्ली: दिल्ली के बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी से पंजाब केसरी-नवोदय टाइम्स की खास बातचीत।

दिल्ली में अधिकारों को लेकर जो विवाद चल रहा है, उसे क्या मानते हैं आप?
यह विवाद कुछ नहीं है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए एलजी पर काम रोकने का आरोप लगाते हैं। दरअसल आम आदमी पार्टी ने जो वादे किए थे, वह पूरे नहीं कर पाई है। अब वह यह बताने की कोशिश कर रही है कि हमारे पास अधिकार नहीं है और एलजी काम नहीं करने दे रहे। जबकि ऐसा नहीं है, उदाहरण के तौर पर अनधिकृत कॉलोनियों में निगम स्ट्रीट लाइट लगाती थी, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे रोककर यह काम डीएसआईआईडीसी को दे दिया।अब लाइट लगाने का काम रुक  गया है। पहले सांसद निधि का बजट भी अवैध कॉलोनियों में लगता था, लेकिन इस पर केजरीवाल सरकार ने रोक लगा दी। फुटपाथ पर निर्माण नहीं हो सकता, लेकिन आप सरकार ने कई जगह निर्माण करा दिए। जब ऐसे काम आप सरकार कर ले रही है तो साफ है कि काम नहीं करने देने की बात गलत है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद स्थिति सुधरी नहीं है। केजरीवाल कहते हैं कि अधिकारी सुनते नहीं हैं? उन पर केन्द्र सरकार का दबाव है। 
यह गलत है। जो काम गिनाए गए वह भी तो अधिकारियों के स्तर से ही कराए गए हैं। सच बात तो यह है कि जो काम आप सरकार करना नहीं चाहती, उसमें कुछ ना कुछ कमियां छोड़ देती है। जब नियमानुसार नहीं होगा तो वह काम रुक ही जाएगा। फिर आप के मंत्री विरोध का नाटक करते हैं। सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि संविधान के अनुसार कैबिनेट का निर्णय एलजी को मान्य होगा। समझने वाली बात है कि जब कैबिनेट का फैसला संविधान के अनुसार नहीं होगा तो वह लटक ही जाएगा। निगम का फंड आखिर आप सरकार कैसे रोक देती है। फंड एक तरह से खत्म कर दिया। आखिर यह काम आप सरकार ने कैसे कर दिया। मैंने कई बार चिट्ठी लिखकर आप सरकार को बताया है कि संविधान के अनुसार काम करिए और काम रोकने का नाटक ना करें। दरअसल आप सरकार ने जो 70 वादे किए थे, वह पूरे नहीं कर पाई है। शिक्षा के क्षेत्र में काफी डंका पीटा जा रहा है, लेकिन पिछले दिनों आए परीक्षा परिणामों ने हकीकत सामने ला दी।

आप सरकार कहती है कि चिकित्सा, शिक्षा आदि जो उनके हाथ में है, उस क्षेत्र में अच्छा काम किया गया है। लेकिन, कई मामलों में उनके काम अटकाए जाते हैं।
एक चैनल को मैंने रियलिटी चेक करने को कहा। इसके बाद वह चैनल जब जांच करने पहुंचा तो मोहल्ला क्लीनिक काफी खराब हालत में मिलीं। कहीं घोड़े बंधे थे तो कहीं पर नशेडिय़ों ने अड्डा बना लिया था। यह भी बताने की जरूरत है कि करीब 164 मोहल्ला क्लीनिक दिल्ली में बने हैं और यह सभी किसी सरकारी जगह पर नहीं निजी मकानों में किराये पर खोले गए हैं। यह मकान मालिक आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता हैं। जिसका काफी किराया दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आप सरकार यह दिखा रही है कि वह अब काम करेगी।

पब्लिक में आज भी आम आदमी पार्टी की अच्छी पकड़ है, ऐसा कहा जा रहा है।
जो लोग ऐसा कह रहे हैं, यह उनका नजर दोष है। वर्ष 2015 में आम आदमी पार्टी दिल्ली में 67 सीटें जीतकर सामने आई थी। लेकिन, वही पार्टी 2017 जब निगम चुनाव हुए तो 272 में से 67 वार्ड में नहीं जीत पाई। इसे देखकर तो नहीं लगता कि उनके साथ समर्थन है। दिल्ली की जनता ने इनको दिल से निकाल दिया है। अब वह धन के आधार पर टिके हैं। उनके पास विज्ञापन का अच्छा बजट है। जिसका फायदा ले रही है आप सरकार। 

दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी पर भाजपा का किस तरह का विरोध है?
हम इस योजना का विरोध नहीं कर रहे हैं। हम इसको पूरा करने के तरीके पर विरोध कर रहे हैं। अगर सरकार ही वितरण का काम करेगी तो ठीक है, लेकिन अगर निजी कंपनी से इसे कराया जाएगा तो आप सरकार पर विश्वास नहीं किया जा सकता। पानी का वितरण घर-घर क्यों नहीं किया गया आज तक। लोग पेयजल की कमी से परेशान हैं।

आप 2019 में कैसे जीतेंगे?
जिस तरह से सभी विपक्षी एक होने की जुगत में हैं, उसी से साफ हो गया है हम मजबूत हैं। मोदी सरकार की जो योजनाएं हैं, उसके लाभार्थियों की बात सुनकर लोग खूब प्रभावित हो रहे हैं। विपक्षियों द्वारा आरोप लगाने का काम तो किया जाएगा। हम यह नहीं कहते की बहुत आसान होगा। मेहनत बहुत ज्यादा करनी होगी। गांवों में बिजली, उज्ज्वला योजना, अटल पेंशन योजना इन सबको देखकर लोग काफी खुश हैं। मोदी सरकार में 45 स्वयंसेवा समूह बनाए गए हैं। जिनमें महिलाएं, विभिन्न व्यवसाय कर रही हैं। यह सरकार मुफ्त में कुछ देने की बात नहीं करती, बल्कि काम करके कमाने की बात करती है। अधिक से अधिक लोगों तक सरकार के कामों को पहुंचाकर हम जीतेंगे। सारे विपक्षी एक हो भी जाएं तो भी जब यह सवाल उठेगा कि प्रधानमंत्री कौन? तो पूरा देश फिर से नरेन्द्र मोदी को ही चुनेगा। उत्तर प्रदेश भी यह जनादेश देगा।

भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना अलग से लडऩे की बात कहती है। कई अड़चनें भी आती जा रही हैं। 
दरअसल भाजपा और परंपरागत राजनीति से अलग होकर बहुत ही स्पष्ट राजनीति कर रही है। कोई बार-बार धमकी दे, यह पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। 

तो क्या समझा जाए कि भाजपा को सहयोगी पार्टियों से गठबंधन की जरूरत नहीं है?
ऐसा नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवसेना प्रमुख से मिले। नीतीश कुमार से मिले। मुलाकात के बाद भी हम यही कहते हैं कि देखिए, डराने-धमकाने का काम अब छोड़ दिया जाए। इसका असर भी हो रहा है।

लेकिन, गोरखपुर, कर्नाटका में झटका लगा और राजस्थान भी आसान नहीं लग रहा?
कर्नाटका में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। वहां उप चुनाव हुए उसमें भी हम तीन सीट जीते। वहां भाजपा का भविष्य बहुत अच्छा है और 2019 में उसका प्रभाव दिखाई देगा। उप्र में सपा बसपा के गठजोड़ के कारण हमारी हार नहीं हुई। उसके पीछे कार्यकर्ताओं और सरकार के बीच सामंजस्य नहीं होने से नुकसान हुआ। 

पहले कांग्रेस भाजपा पर वार करती थी, अब भाजपा कांग्रेस पर वार कर रही है?
भ्रम और झूठ से पार उतरना है, सच के चौराहे पर लाकर उनको पराजित करना है। हम हवा में बात नहीं करेंगे। आंकड़ों और सही तथ्यों के साथ बात करेंगे। पदाधिकारियों में झगड़े की बात हो रही है। संगठन के स्तर पर आपके सामने किस तरह की चुनौतियां हैं?  जब कोई पार्टी आकर्षण का केन्द्र होती है तो उससे लोग जुड़ते हैं और पदाधिकारियों में आगे-आगे रहने की होड़ रहती है। झगड़े जैसी कोई बात ही नहीं है, थोड़ा बहुत मतभेद तो हर जगह होता है। 

क्या इस बार लोकसभा चुनावों में किसी का टिकट कटेगा?
प्रदर्शन के आधार पर तो सभी सांसदों की स्थिति संतोषजनक है। किसी का भी टिकट कटने जैसी स्थिति नहीं है। लेकिन, संसदीय समिति इस विषय में फैसला लेती है। वह क्या निर्णय करेगी, यह तो बाद की बात है। 

तथ्यों को आधार बनाकर कांग्रेस से होगी टक्कर
कम किया जा सकता है बिजली बिल में FIXED चार्ज

दिल्ली को 23 हजार मेगावाट लोड स्वीकृत है। पीक ऑवर में भी यह 7 हजार मेगावाट तक नहीं पहुंचता। जबकि दिल्ली वालों से जो fixed चार्ज वसूला जा रहा है वह 23 हजार मेगावाट पर वसूला जा रहा है। सात हजार मेगावाट के अनुसार 87 करोड़ fixed चार्ज लगना चाहिए, जबकि उपभोक्ताओं से अधिकतम लोड के हिसाब से 287 करोड़ रुपए वसूले गए। यह पांच महीने से हो रहा है। इसे कम किया जा सकता है।

वाटर टैक्सी योजना के लिए यमुना की स्थितियां अनुकूल
यमुना में वाटर टैक्सी चलाने की योजना है। मैंने यमुना का दौरा किया। जहां टैक्सी चलाई जानी है, वहां पानी की गहराई 70 फीट है व नदी की चौड़ाई करीब 600 मीटर है। स्थितियां पूरी तरह से अनुकूल हैं, फिर भी केजरीवाल सरकार ने अड़ंगा लगा दिया। दिल्ली सरकार का कहना है कि इससे दिक्कत होगी। दरअसल दिक्कत टैक्सी चलाने में नहीं है, बल्कि यमुना की गंदगी दिखाई देगी, इसमें है। आप सरकार यमुना का पानी छिपाना चाहती है। दरअसल आप सरकार पॉजीटिव चीजों से डरती है। भले ही, यह उनकी ही क्यों न हो।

 

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