दिल्ली हिंसा: निलंबित आप पार्षद ताहिर हुसैन के दो कर्मचारी अहम गवाह बने

Edited By Yaspal,Updated: 10 Jul, 2020 07:33 PM

delhi violence two employees of tahir hussain become important witnesses

उत्तर पूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा के मामले में दो अहम गवाह आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के यहां काम करते थे और उन्होंने 24 फरवरी को दंगे शुरू होने से पहले हुसैन को कई लोगों से ‘‘बेहद गोपनीय'''' तरीके से बात करते हुए देखा था। दिल्ली...

नई दिल्लीः उत्तर पूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा के मामले में दो अहम गवाह आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के यहां काम करते थे और उन्होंने 24 फरवरी को दंगे शुरू होने से पहले हुसैन को कई लोगों से ‘‘बेहद गोपनीय'' तरीके से बात करते हुए देखा था। दिल्ली पुलिस ने यहां एक अदालत में दाखिल किए आरोपपत्र में यह बात कही है। गिरीश पाल और राहुल कसाना ने पुलिस को दिए अपने बयानों में कहा कि 24 फरवरी को वे खजूरी खास इलाके में हुसैन के कार्यालय में मौजूद थे।

आरोपपत्र में कहा गया है, ‘‘दोपहर को उन्होंने ताहिर हुसैन के मकान के निचले तले पर कई लोगों को एकत्रित होते देखा और वह बेहद गोपनीय तरीके से उनसे बात कर रहे थे और आरोपी शाह आलम, इरशाद आबिद, अरशद प्रधान, राशिद तथा शादाब अज्ञात लोगों के साथ वहां मौजूद थे।'' इसमें कहा गया है कि पुलिस ने इन दोनों को मुख्य गवाह बनाया है। ये दोनों बाहर भीड़ की आवाज सुनकर और कार्यालय में तनाव को भांपते हुए वहां से चले गए थे।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पिछले महीने हुसैन और 14 अन्य के खिलाफ मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत अगस्त में आरोपपत्र पर सुनवाई करेगी। आरोपपत्र के अनुसार अभियोजन पक्ष के अन्य गवाह राजबीर सिंह यादव ने अपने बयान में कहा कि भीड़ ने उनके दोस्त की बेटी की शादी के लिए तैयार खाने को बर्बाद कर दिया और आरोपी रियाकत अली ने उनसे 62,000 रुपये लूट लिए थे।

यादव हुसैन के घर के पास एक पार्किंग स्थल में शादी के लिए खाने की तैयारियों को देख रहा था। इसमें कहा गया है कि आरोपी शाह आलम कई अन्य लोगों समेत अली के साथ मौजूद था और दंगों में शामिल भीड़ में हुसैन भी शामिल था। इसमें कहा गया है कि अभियोजन पक्ष के एक अन्य गवाह ने बताया कि हुसैन अपने घर की छत पर मौजूद था और पत्थर फेंक रहा था तथा अपने साथ मौजूद लोगों को निर्देश दे रहा था जो पार्किंग की ओर पत्थर तथा पेट्रोल बम फेंक रहे थे।

आरोपपत्र में कहा गया है कि जांच के दौरान निजी और सरकारी कैमरों से घटना की सीसीटीवी फुटेज लेने की कोशिशें की गई लेकिन आसपास कोई सीसीटीवी न होने के कारण कोई वीडियो नहीं मिली। हुसैन को 14 अन्य लोगों के साथ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले में आरोपी बनाया गया है। गौरतलब है कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा होने के बाद 24 फरवरी को साम्प्रदायिक झड़पें हुई थी जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और करीब 200 लोग घायल हुए।

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