Edited By vasudha,Updated: 30 Oct, 2020 11:33 AM
शरद पूर्णिमा के अवसर पर संगम सहित गंगा नदी के विभिन्न घाटों पर आज आस्था का जनसैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं ने गंगा घाट पर पूजा और पवित्र स्नान के बाद दान-पुण्य कियाजा रहा है। शरद पूर्णिमा पर संगम में स्नान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आज से कार्तिक...
नेशनल डेस्क: शरद पूर्णिमा के अवसर पर संगम सहित गंगा नदी के विभिन्न घाटों पर आज आस्था का जनसैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं ने गंगा घाट पर पूजा और पवित्र स्नान के बाद दान-पुण्य कियाजा रहा है। शरद पूर्णिमा पर संगम में स्नान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आज से कार्तिक पूर्णिमा की शुरूआत होती है। स्नान करने के बाद दान करने से आज विशेष फल मिलता है।
शुक्रवार सुबह हर हर गंगे के जयकारों से घाट गूंजायमान हो गया। दूर दराज इलाकों से आकर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। स्नान के बाद ने गरीबों, ब्राह्मणों को दान-पुण्य किया। वहीं आगरा में इस बार शरद पूर्णिमा पर पर्यटक ताजमहल का दीदार नहीं कर पाएंगे। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस बार शरद पूर्णिमा पर ताजमहल की ‘चमकी' का दीदार पर्यटक नहीं कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि संगमरमरी ताजमहल की सुंदरता चांदनी रात में और बढ़ जाती है। इसके पत्थरों पर जब चंद्रमा की रोशनी पड़ती है तो वो जगमगा उठते हैं।
शरद पूर्णिमा पर ताजमहल की ‘चमकी' का दीदार करने के लिए देश विदेश से पर्यटक आते हैं। पूर्णिमा पर हर महीने ताजमहल का पांच दिन रात में दीदार होता है। पूर्णिमा से दो दिन पूर्व और दो दिन बाद ताजमहल को पर्यटकों के लिए खोला जाता है। हालांकि, इस बार ताजमहल नहीं खोला जा रहा है।