राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देने से DGP ने किया इन्कार

Edited By Monika Jamwal,Updated: 05 May, 2018 11:39 AM

dgp refuses to give security to politicav activist

घाटी विशेषकर दक्षिण कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों के बाच प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी.) एस.पी. वैद्य ने कहा कि उनका विभाग 40 हजार से ज्यादा जमीनी स्तर के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान नहीं की जा सकती है।

 श्रीनगर : घाटी विशेषकर दक्षिण कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों के बाच प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी.) एस.पी. वैद्य ने कहा कि उनका विभाग 40 हजार से ज्यादा जमीनी स्तर के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान नहीं की जा सकती है।  वैद्य ने कहा कि पुलिस के पास सभी पूर्व ग्रामीण सदस्यों (विभिन्न मुख्यधारा पार्टियों से जुडे) और संरक्षित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मैनपावर नहीं है।  एक स्थानीय समाचार एजेंसी से बातचीत में डी.जी.पी. ने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा मांगने वाले सभी लोगों को सुरक्षा प्रदान करना मानवीय रुप से संभव नहीं है। उन्होंने किसी भी राजनीतिक पार्टी के सदस्य को सुरक्षा वापस लिए जाने के आरोपों को खारिज किया। 


उन्होंने कहा कि ए.डी.जी.पी. सुरक्षा राजनीतिक व्यक्ति नहीं है और उन लोगों जिनको खतरे की धारणा है को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस किसी भी राजनीतिक पार्टी से हुक्म नहीं लेती। मैं इसे स्पष्ट करुं कि खतरे की धारणा को देखने के उद्देश्य के लिए समिति का गठन किया जाता है जिसके आधार पर आवेदकों को सुरक्षा प्रदान करने का फैसला लिया जाता है। 

वर्करों पर हमले के बाद बड़ी सुरक्षा की मांग
हाल के दिनों में कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद सुरक्षा की मांग करने वाले लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नीति की समीक्षा करेंगे के बारे में पूछे जाने पर वैद्य ने कहा कि मैं सुरक्षा नीति की समीक्षा नही करता हूं लेकिन एक बहु-सदस्य समिति है जो सुरक्षा की मांग करने वाले लोगों को खतरे की धारणा को देखती है और तदनुसार फैसला लिया जाता है। 
 

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