Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Jan, 2022 09:45 AM

धनबाद जिला अदालत के जज हत्या मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने CBI को जमकर फटकारा। हाई कोर्ट ने धनबाद जिला अदालत के जज उत्तम आनंद की जुलाई, 2021 में हुई अप्राकृतिक मौत मामले की जांच को उचित तरीके से न करने पर सीबीआई को फटकार लगाई और कहा कि वह इसके पीछे...
नेशनल डेस्क: धनबाद जिला अदालत के जज हत्या मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने CBI को जमकर फटकारा। हाई कोर्ट ने धनबाद जिला अदालत के जज उत्तम आनंद की जुलाई, 2021 में हुई अप्राकृतिक मौत मामले की जांच को उचित तरीके से न करने पर सीबीआई को फटकार लगाई और कहा कि वह इसके पीछे पैठी गहरी साजिश का पता लगाए। झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन एवं न्यायमूर्ति एस. एन. प्रसाद की खंड पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मोबाइल फोन झपटमारी की नियत से हत्या करने की बात स्वीकार करने योग्य नहीं है।
सीसीटीवी फुटेज में दिखे सबूत
अदालत ने कहा कि इससे जुड़ा सीसीटीवी फुटेज देखने से कहीं भी ऐसा नहीं लगता है कि ऑटोचालक ने सिर्फ मोबाइल फोन छीनने के लक्ष्य से अपने सहयोगी के साथ मिलकर जज की हत्या कर दी और यदि ऐसा था तो उन्होंने फोन क्यों नहीं लूटा? इसपर सीबीआई के जांच अधिकारी ने कहा कि ऑटो से जज को धक्का मारने के दौरान दोनों ओर से बाइकें आ रही थीं इसीलिए ऑटोचालक ने पकड़े जाने के डर से फोन नहीं लूटा। पीठ ने CBI को निर्देश दिया कि वह इस मामले में ऑटो चालक तथा उसके सहयोगी की नार्को, ब्रेन मैपिंग परीक्षण की दोनों रिपोर्टें सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करे। मामले की अगली सुनवाई अब 21 जनवरी को होगी।
कैसे हुई जज की मौत
सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि जज 28 जुलाई की सुबह रणधीर वर्मा चौक पर जिला अदालत के पास काफी चौड़ी सड़क के एक तरफ जॉगिंग कर रहे थे, जब एक भारी ऑटो-रिक्शा उनकी ओर आया और उन्हें पीछे से टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गए। कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें खून से लथपथ पाया और अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को मामले की जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया था। जिस पर अब अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी।