बांके बिहारी मंदिर में टाइमिंग को लेकर CJI की फटकार, बोले- 'देवताओं को आराम नहीं करने देते'

Edited By Updated: 15 Dec, 2025 04:46 PM

banke bihari temple vip darshan supreme court notice

वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी दर्शन-पूजा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि देवताओं को पर्याप्त विश्राम नहीं मिल रहा और मोटी फीस देकर धनी लोगों के लिए विशेष पूजा आयोजित की जा रही है। मंदिर सेवायतों ने कमेटी के...

नेशनल डेस्क : वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी दर्शन-पूजा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि मंदिर में देवताओं को पर्याप्त विश्राम का समय नहीं मिल पा रहा है। इस दौरान मोटी फीस देने वाले लोगों के लिए विशेष पूजा आयोजित की जा रही है, जबकि आम श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पा रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमलिया बागची और जस्टिस विपुल पंचौली की पीठ मंदिर के सेवायतों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सेवायतों ने कोर्ट की तरफ से नियुक्त कमेटी के निर्देश का विरोध किया है। कमेटी ने आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन का समय बढ़ाने की सिफारिश की थी। सुनवाई के अंत में कोर्ट ने हाई पावर्ड कमेटी को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई जनवरी में निर्धारित की गई।

याचिका में ट्रस्ट अध्यादेश को चुनौती
याचिका में श्री बांके बिहारी जी मंदिर ट्रस्ट अध्यादेश, 2025 को चुनौती दी गई है। मंदिर के सेवाधिकारी का कहना है कि मंदिर का प्रबंधन 1939 में बनाई गई विशेष योजना के तहत होता आया है और इस पर सरकार का कोई अधिकार नहीं है।

कोर्ट ने उठाए वीआईपी दर्शन और दैनिक पूजा के मुद्दे
याचिकाकर्ता के सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान ने कोर्ट को बताया कि दर्शन की समय-सारणी में बदलाव मंदिर के अनुष्ठानों का अहम हिस्सा है। सीजेआई सूर्यकांत ने पूछा कि अगर दर्शन का समय बढ़ा दिया गया तो इसमें समस्या क्या है। याचिकाकर्ता ने बताया कि समय में बदलाव का मतलब मंदिर के अनुष्ठानों में भी बदलाव होना है, जिसमें देवताओं का विश्राम शामिल है।

सीजेआई ने कहा, "दिन में 12 बजे मंदिर बंद होने के बाद देवताओं को एक मिनट के लिए भी विश्राम नहीं करने दिया जाता। इस समय सबसे अधिक परेशानी होती है और मोटी फीस देकर धनी लोगों के लिए विशेष पूजा कराई जाती है।"

देहरी पूजा पर भी चर्चा
याचिकाकर्ता ने देहरी पूजा के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि यह पूजा भगवान के चरणों में विशेष स्थान पर होती है, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि गुरु और शिष्य के बीच होने वाली देहरी पूजा को बंद नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन को पक्षकार बनाया और निर्देश दिया कि मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से हाई पावर्ड कमेटी और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया जाए। कोर्ट ने कहा कि मंदिर में व्यवस्थाओं को संतुलित करना आवश्यक है ताकि आम श्रद्धालु और देवताओं दोनों का हित सुरक्षित रहे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!