डाक्टर साहब पत्नी बहुत झगड़ती है, क्या करूं? लॉकडाउन से परेशान लोग पूछ रहे हैं कुछ ऐसे ही सवाल

Edited By vasudha,Updated: 14 Apr, 2020 03:13 PM

doctor sir my wife is very bad what should i do

लॉकडाउन के इस दौर में राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग की हेल्पलाइन पर आजकल जो सवाल पूछे जा रहे हैं वह कुछ इस तरह के हैं - "डा. साहब रात में नींद नहीं आ रही। डा. साहब पत्नी बहुत झगड़ती है, डा साहब प्राइवेट नौकरी है, लॉकडाउन के...

नेशनल डेस्क: लॉकडाउन के इस दौर में राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग की हेल्पलाइन पर आजकल जो सवाल पूछे जा रहे हैं वह कुछ इस तरह के हैं - "डा. साहब रात में नींद नहीं आ रही। डा. साहब पत्नी बहुत झगड़ती है, डा साहब प्राइवेट नौकरी है, लॉकडाउन के कारण छूट तो नही जाएगी। डा. साहब लॉकडाउन में शराब बंद होने से मेरे पति बहुत चिड़चिड़े हो गये हैं और घर में बहुत झगड़ा करते हैं, क्या करूं?' वगैरा... वगैरा। केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा आदर्श त्रिपाठी के अनुसार, लॉकडाउन के कारण घर में बैठे लोग तनाव ग्रस्त होकर चिड़चि़ड़े हो रहे हैं और उन्हें तरह तरह के भय सता रहे है ।

 

डा त्रिपाठी ने विशेष बातचीत में कहा कि केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग में दो वरिष्ठ डाक्टर सुबह नौ बजे से चार बजे तक लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और उन्हें समाधान सुझाते हैं। लॉकडाउन के दौरान लोगों की ऐसी तमाम समस्याओं को देखते हुये लखनऊ विश्वविद्यालय ने एक काउंसलिंग सेंटर बनाया है  इसी तरह केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग में मानसिक रोगियों के लिये एक हेल्पलाइन स्थापित की गयी है जहां फोन पर लोगों की मानसिक उलझनों को सुलझाया जा रहा है । लखनऊ विश्वविद्यालय की मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर पल्लवी भटनागर ने बताया कि उनके काउंसलिंग सेंटर में रोजाना कम से कम 50 लोगों के फोन आ रहे है और ज्यादातर के मन में लॉकडाउन को लेकर एक डर बैठा है कि यह आखिर कब तक चलेगा और इसके बाद क्या होगा?

 

प्रोफेसर भटनागर का मानना था कि लॉकडाउन का समय उन लोगों के लिये तो कठिन है ही जो पहले से तनाव या मानसिक रोगों से ग्रस्त है बल्कि उन लोगों के लिये भी काफी कठिन है जो सुबह से लेकर शाम तक कार्यालयों में काम करते थे लेकिन अब घरों में कैद हो गये है। वह कहती है कि लोगो को घर में अपने को व्यस्त रखना चाहिए वरना लॉकडाउन बढ़ने पर उनके सामने और समस्यायें खड़ी हो सकती हैं। प्रो भटनागर के अनुसार "हम लोग काउंसलिंग तो करते है लेकिन उस पर अमल करना उस व्यक्ति के अपने हाथ में होता है। केजीएमयू के वरिष्ठ प्रो हरजीत सिंह कहते है कि कई लोगों को यह भी डर सता रहा है कि दुनिया के लिए दहशत का पर्याय बने कोरोना का संक्रमण काल लंबा खिंच सकता है और वे भी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। कई लोग कोरोना के भय से दिन में कई कई बार नहा रहे हैं, अपने घर के दरवाजों के हैंडल और नलों की टोंटी को कई कई बार सैनेटाइज कर रहे है।

 

प्रोफेसर सिंह की सलाह है कि इस बेमानी डर से बचने के लिये ऐसे लोग अपने मन को शांत रखें और किसी प्रकार का चिंताजनक विचार अपने मन में न आने दें। सिंह के अनुसार, उन्हें समझना होगा कि कितनी भी बड़ी समस्या क्यों न हो अंत में उसे समाप्त होना ही है। केजीएमयू के प्रो त्रिपाठी कहते हैं कि लोगों को लॉकडाउन के समय में भी अपनी दिनचर्या को नियमित रखना चाहिए जैसा कि वे आम दिनों में करते हैं। शारीरिक व्यायाम करें..। घर से यदि काम कर रहे हैं तो परिवार के साथ समय का ध्यान रखें। समय है तो अपनी नींद अवश्य पूरी करें जिसकी चाह आपको पहले सदैव रहती थी। जरूरतमंद लोगों की मदद करें क्योंकि उससे आपको जो खुशी मिलेगी वो आपको कभी मानसिक तनाव नहीं होने देगी। डा पल्लवी कहती हैं कि कि अपने उन शौक को जिनको समय की कमी के कारण पहले आप नहीं कर पाते थे जैसे पेंटिंग, खाना बनाना, डायरी लिखना आदि अब उन पर समय व्यतीत करें। कुछ नया सीखने का प्रयास मस्तिष्क को नई ऊर्जा प्रदान करता है। अगर घर में पेड़ पौधे और कोई पालतू जानवर है तो उनकी देखभाल करें यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!