अजित डोभाल को मोदी सरकार ने दिया कैबिनेट का दर्जा, बने रहेंगे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार

Edited By Anil dev,Updated: 03 Jun, 2019 03:00 PM

doval to stay national security advisor gets cabinet rank

केंद्र सरकार देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को बड़ा तोहफा देते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए भारत सरकार ने उन्हें कैबिनेट रैंक दी। उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए...

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अजित डोभाल को तोहफा देते हुए एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है और इस बार उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है और इसे 31 मई से प्रभावी माना जाएगा। सरकारी आदेश में कहा गया है कि डोभाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल या अगले आदेश जो भी पहले हो तक इस पद पर बने रहेंगे। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। नई सरकार में उन्हें दोबारा यही जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

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कौन हैं अजित डोभाल?
आईपीएस अजित डोभाल मूलरूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल स्थित घीड़ी बानेलस्यूं गांव के हैं। अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में एमए किया। इसके बाद 1968 में यूपीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर केरल कैडर से आईपीएस बने। 1972 में भारतीय खुफिया एजेंसी आईबी से जुड़े।

अजित डोभाल के नाम से कांपता है पाक
अजित डोभाल पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में छह साल तक काम कर चुके हैं। शुरुआती दिनों में वे अंडरकवर एजेंट थे और सात वर्ष तक पाकिस्तान में सक्रिय रहे। वे पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक पाकिस्तानी मुस्लिम की तरह रहे। 

ब्ल्यू स्टार में निभाई थी गुप्तचर की भूमिका
भारतीय सेना के एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान उन्होंने एक गुप्तचर की भूमिका निभाई और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराईं, जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका। इस दौरान उनकी भूमिका एक ऐसे पाकिस्तानी जासूस की थी, जिसने खालिस्तानियों का विश्वास जीत लिया था और उनकी तैयारियों की जानकारी मुहैया करवाई थी।

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दाऊद इब्राहिम की फिराक में डोभाल
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक अजित डोभाल अंडरवल्र्ड दाऊद इब्राहिम को भी खत्म करने का प्लान बना चुके हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दाऊद इब्राहिम लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को पता लगा है कि दाऊद का नया ठिकाना चमन में है। देश की खुफिया एजेंसी रॉ के एजेंट लगातार ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि दाऊद कितने दिन और कहां-कहां रुक रहा है। ताकिऑपरेशन दाऊद को अंजाम तक पहुंचाया जा सके।


इन 5 कारनामों से ‘जेम्स बांड’ कहलाते हैं डोभाल
1. जून 2010, अजित डोभाल के दिशा निर्देशन में भारतीय सेना ने पहली बार सीमा पार म्यांमार में कार्रवाई कर उग्रवादियों को मार गिराया। ऑपरेशन में 30 उग्रवादी मारे गए।
2. जून 2014, डोभाल ने आईएसआईएस के कब्जे से 46 भारतीय नर्सों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3. 1971 से लेकर 1999 तक 5 इंडियन एयरलाइंस के विमानों के अपहरण की घटनाओं को टालने में भूमिका निभाई।
4. 1999, कंधार में इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के अपहर्ताओं के साथ भारत के मुख्य वार्ताकार के तौर पर अजित डोभाल ही थे।
5. वह सात साल तक पाकिस्तान में एक गुप्त एजेंट बन के रहे थे।

 

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