Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 01:01 PM
अब योग्य लोगों को ही ड्राइविंग लाइसेंस मिल पाएगा। ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट में पास होने वालों को ही ड्राइविंग लाइसेंस मिल पाएगा। इससे ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी। पहला ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक सेंटर सराय काले खां...
नई दिल्ली: अब योग्य लोगों को ही ड्राइविंग लाइसेंस मिल पाएगा। ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट में पास होने वालों को ही ड्राइविंग लाइसेंस मिल पाएगा। इससे ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी। पहला ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक सेंटर सराय काले खां में 26 जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है। बाकी 11 ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक सेंटर भी अगले वर्ष चालू हो जाएंगे। यह टेस्ट ऑनलाइन होगा।
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने यह जानकरी देते हुए बताया कि ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर ठीक से गाड़ी चलाने वालों को ही स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस मिल पाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में सड़क सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है। सरकार का मानना है कि इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और साथ ही ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम शत-प्रतिशत पारदर्शी बनेगा।
परिवहन मंत्री ने बताया कि परिवहन विभाग हौजखास, शकूर बस्ती,राजा गार्डन,मयूर विहार फेज-1,सूरजमल विहार, द्वारका, रोहिणी, नजफगढ़, बुराड़ी, लोनी रोड और सराये काले खां पर ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक सेंटर बनाएगा। एक एकड़ में बनने वाले सेंटर में ट्रैक बनाने पर एक करोड़ रुपए खर्च आएंगे। गहलोत ने बताया कि भविष्य में ड्राइविंग टेस्ट इन्हीं ट्रैकों पर होंगे। इन ट्रैकों को बनाने का काम शुरू किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि रोड सेफ्टी काउंसिल के दिशा-निर्देशों के मुताबिक तय समय सीमा में इस परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि टेस्ट के लिए ऑनलाइन अप्वाइमेंट मिलेगी। यह एक तरह से ऑनलाइन टेस्ट होगा।
एलजी ने सरकारी सेवाओं की होम डिलीवरी की नामंजूर : सिसोदिया
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस व मैरेज सर्टिफिकेट सहित 40 सेवाओं की होम डिलीवरी योजना के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कर दी। इसके तुरंत बाद उपराज्यपाल ने कहा कि डिजिटल विधि से लोगों को कागजात प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करना पर्याप्त है। उन्होंने इस प्रस्ताव को वापस दिल्ली सरकार के पास भेज दिया है। यह प्रस्ताव दिल्ली सरकार ने करीब महीने भर पहले तैयार किया था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि डिजिटल विधि से इन सुविधाओं के मुहैया कराने के बाद भी सरकारी कार्यालयों में भारी भीड़ जमा रहती है। इस विधि के तहत कर्मचारी लोगों के घर पहुंचकर आवेदन भरवाएगा व कागजात अपलोड करेगा। इस होम डिलीवरी योजना के रद्द होने से दिल्ली सरकार को झटका लगा है। उन्होंने कहा कि क्या उपराज्यपाल के पास इतनी शक्ति होनी चाहिए कि चुनी सरकार के प्रस्ताव का नामंजूर कर दें? उपराज्यपाल ने इस मामले पर कहा है कि इस मसौदे को अस्वीकृत नहीं किया गया है। इसे वापस भेजकर इसका कोई अन्य मॉडल तलाशने की सलाह दी गई है।
अब ऐसे बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस
राजधानी में अपनी तरह के पहले टेस्ट सेंटरों में वैज्ञानिक तरीके से ड्राइविंग टेस्ट करने वाले ट्रैक बने होंगे। एडवांस्ड हाई डेफिनिशन कैमरे लगे होंगे और इनमें इंटीग्रेटेड आईटी नेटवर्क होगा। इन ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटरों में एडवांस्ड वीडियो एनॉलिटिकल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके जरिए ड्राइविंग टेस्ट किए जाएंगे और आवेदक के गाड़ी चलाते समय बर्ताव का भी अध्ययन किया जाएगा।