Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Jan, 2021 03:31 PM
दिल्ली के करियप्पा मैदान में शुक्रवार को सेना दिवस परेड के दौरान भारतीय सेना के ड्रोनों ने ‘कामिकाजी'' हमलों और प्राथमिक उपचार आपूर्ति अभियानों का अभ्यास किया। कामिकाजी हमलों के दौरान दुश्मन के ठिकानों विशेषकर जहाजों में घुसकर आत्मघाती हमला किया...
नेशनल डेस्क: दिल्ली के करियप्पा मैदान में शुक्रवार को सेना दिवस परेड के दौरान भारतीय सेना के ड्रोनों ने ‘कामिकाजी' हमलों और प्राथमिक उपचार आपूर्ति अभियानों का अभ्यास किया। कामिकाजी हमलों के दौरान दुश्मन के ठिकानों विशेषकर जहाजों में घुसकर आत्मघाती हमला किया जाता है। परेड में पहली बार ये ड्रोन पेश किये गए हैं। इसके अलावा इसमें उन्नत विमान रोधी हथियार प्रणाली ‘शिल्का', ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, पैदल सेना के युद्धक वाहन BMP-2, टी-72 टैंक तथा एक साथ कई रॉकेट लांच करने वाली पिनाका प्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया।
थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कार्यक्रम में वीरता पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। समारोह में वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने भी शिरकत की। साल 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर सर फ्रांसिस बुचर ने फील्ड मार्शल के एम करियप्पा को भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ के तौर पर मान्यता दी थी, जिसके बाद से हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।