Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jun, 2017 02:04 PM
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पहले जत्थे को दिल्ली से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
नई दिल्लीः विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पहले जत्थे को दिल्ली से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दाैरान सुषमा ने यात्रियों से पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देने का आह्वान करते हुए आज कहा कि यात्रा मार्ग को स्वच्छ बनाए रखने से इस यात्रा का अधिक पुण्य मिलेगा। उन्हाेंने कहा कि इस पवित्र यात्रा पर जाने का उन्हीं यात्रियों को मौका मिला है जिन्हें खुद भोलेनाथ ने बुलाया है।
'पहले जत्थे में सिर्फ 58 यात्री'
यात्रा का आंनद और पुण्य मिलने की कामना करते हुए उन्होंने यात्रियों से आग्रह किया कि वे यात्रा मार्ग को गंदा नहीं करें और पहले से मार्ग पर गंदगी कहीं बिखरी मिले तो मिलकर साफ करें। इससे कैलाश मानसरोवर यात्रा करने का पुण्य ज्यादा मिलेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि यात्रा के लिए 4500 लोगों ने आवेदन किया और इनमें से पहले जत्थे के लिए 60 लोगों का चयन किया गया है। इसके लिए उन्होंने लॉटरी निकाली और भाग्यशाली लोगों को इस यात्रा पर जाने का अवसर मिला। इनमें से 2 यात्री चिकित्सा के स्तर पर सही नहीं पाए गए इसलिए इस जत्थे में सिर्फ 58 यात्री जा रहे हैं।
'दो मार्गों से जाते हैं यात्री'
कैलाश मानसरोवर का आयोजन प्रतिवर्ष जून से सितंबर के बीच होता है। इस यात्रा को दो अलग-अलग मार्गों से किया जाता है। एक मार्ग उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रा होकर जाता है। इस मार्ग की यात्रा करने में लगभग 24 दिन का समय लगता है। दूसरा मार्ग सिक्किम के नाथुला दर्रा होकर जाता है। इस मार्ग से यात्रा करने में करीब 21 दिन का समय लगता है। इस यात्रा पर हर साल हजारों लोग जाते हैं। कैलाश मानसरोवार यात्रा हिन्दुओं में भगवान शिव के निवास स्थान के रूप में महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि यहां की यात्रा करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।