NOTA मतों की संख्या जीत के अंतर से अधिक होने पर फिर से कराया जाये चुनाव : पूर्व सीईसी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 09:40 PM

elections to be done again if number of votes greater than victory

पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एस कृष्णमर्ति ने बताया, ‘‘मेरे विचार में नोटा बहुत बेहतर है। हमें यह कहना चाहिए कि अगर नोटा मतों के कुछ निश्चित प्रतिशत को पार कर जाता है जैसे अगर विजेता एवं पराजित उम्मीदवार के बीच मतों का अंतर नोटा मतों से कम होता...

नई दिल्लीः पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एस कृष्णमर्ति ने उन निर्वाचन क्षेत्रों में फिर से चुनाव कराने की वकालत की है जहां जीत का अंतर नोटा मतसंख्या की तुलना में कम रही और विजयी उम्मीदवार एक तिहाई मत जुटाने में भी नाकाम रहे।

उन्होंने यह विचार व्यक्त किया कि भारत में ‘फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट निर्वाचन प्रणाली’ अब अपनी उपयोगिता खत्म कर चुकी है। कृष्णमर्ति ने बताया, ‘‘मेरे विचार में नोटा बहुत बेहतर है। हमें यह कहना चाहिए कि अगर नोटा मतों के कुछ निश्चित प्रतिशत को पार कर जाता है जैसे अगर विजेता एवं पराजित उम्मीदवार के बीच मतों का अंतर नोटा मतों से कम होता है, तो आप कह सकते हैं कि हमें दूसरी बार चुनाव कराना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि इस उपाय को लागू करने के लिए कानून बनाने की जरूरत है। नोटा (नन ऑफ द एबव) मतदाता को यह अधिकार देता है कि वह किसी खास सीट से चुनाव लड़ रहे किसी भी उम्मीदवार के लिए मतदान नहीं करे। गुजरात में हालिया विधानसभा चुनावों में 5.5 लाख से अधिक या 1.8 प्रतिशत मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर नोटा बटन दबाया था।

वहां कई विधानसभा क्षेत्रों में जीत का अंतर नोटा मतों की संख्या से कम था। गुजरात विधानसभा चुनावों में नोटा मतों की संख्या कांग्रेस एवं भाजपा को छोड़कर किसी भी अन्य पार्टी के मतों की संख्या से अधिक थी।


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!