Edited By Pardeep,Updated: 30 Aug, 2019 04:58 AM
दिल्ली सरकार एससी समुदाय के 100 छात्र-छात्राओं को हर साल विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भेजेगी। इसके लिए सरकार ने डॉ.अम्बेडकर फेलोशिप योजना शुरू करने की मंजूरी दी है। ऐसे छात्रों को विदेश में स्नातकोत्तर और पीएचडी की शिक्षा के लिए 10 से 20 लाख रूपए की...
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार एससी समुदाय के 100 छात्र-छात्राओं को हर साल विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भेजेगी। इसके लिए सरकार ने डॉ.अम्बेडकर फेलोशिप योजना शुरू करने की मंजूरी दी है। ऐसे छात्रों को विदेश में स्नातकोत्तर और पीएचडी की शिक्षा के लिए 10 से 20 लाख रूपए की छात्रवृत्ति दी जाएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई दिल्ली कैबिनेट की बैठक में इस आशय के निर्णय लिए गए।
एससी व एसटी मंत्री राजेंद्रपाल गौतम ने बाद में बताया कि स्नातकोत्तर करने के लिए 2 वर्ष की छात्रवृत्ति और पीएचडी करने के लिए 4 वर्ष की छात्रवृत्ति देने का प्रावधान किया गया है। स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए अधिकतम 10 लाख रूपए स्कालरशिप देने का प्रावधान है। जबकि 20 लाख रूपए स्कालरशिप पीएचडी के लिए देने का प्रावधान किया गया है। यह योजना वित्त वर्ष 2019-20 से ही लागू होगी,जिसके लिए सरकार तुरंत 5 करोड़ रूपए का प्रावधान करेगी। छात्र की उम्र तीस वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इन 100 छात्रों को इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट,साइंस व अप्लाइड साइंस, एग्रीकल्चर साइंस,मेडिसिन व समाज विज्ञान आदि में स्नातकोत्तर और पीएचडी करने के लिए छात्रवृत्ति मिलेगी।
आवेदक को दिल्ली का निवासी होना चाहिए। अगर आवेदक कहीं कार्यरत है और विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त करने का इच्छुक है तो उसे विभाग से अनुमति प्राप्त आवेदन व विभाग से एनओसी लेकर आवेदन करना होगा। सरकार ने इस छात्रवृत्ति के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी है। आवेदक को पीएचडी हेतु विदेश जाने के लिए स्नातकोत्तर परीक्षा में कम से कम 55 प्रतिशत अंक होना चाहिए। इसी प्रकार स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए विदेश जाने के लिए बैचलर स्तर की परीक्षा में 55 प्रतिशत अंक होना चाहिए। साथ ही,आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रूपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। पढ़ाई पूरा करने पर आवेदक को दिल्ली सरकार के एससी/ एसटी विभाग में कोर्स पूरा करने संबंधी सर्टिफिकेट की प्रति भी जमा करनी होगी।