Edited By Monika Jamwal,Updated: 14 Jun, 2018 06:37 PM
मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूरों को पैसा न दिए जाने पर पूर्व सरपंचों ने रोष जताया है।
कठुआ : मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूरों को पैसा न दिए जाने पर पूर्व सरपंचों ने रोष जताया है। कठुआ में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए पंचायत चिल्ख ईस्ट के पूर्व सरपंच गोविंद राम ने कहा कि वर्ष 2015 के बाद से अब तक ब्लाक डिंगा अंब सहित अन्य ब्लाकों में मजदूरों द्वारा की जाने वाले काम के एवज में मजदूरी अब तक नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि यही नहीं जिन लोगों ने अपनी जेब से खर्च कर मनरेगा कार्य के तहत मेटेरियल लगाए हैं उन्हें भी पैसा नहीं मिला। थोड़ा बहुत पैसा जो विभाग के पास आता भी है वो मजदूरों को देने के बजाय विभाग के अधिकारी खरीदी गई टाइलों, क्रेट आदि के जारी कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष मुख्यमंत्री के कठुआ में दरबार में भी यह मांग की गई थी कि मनरेगा के तहत बकाया जारी किया जाए लेकिन अब तक न तो ग्रामीण विकास विभाग और न ही सरकार कोई कदम उठा पाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग टाइलों की खरीद कुछ ज्यादा ही कर रहा है। बाजार से मिलने वाले टाइलें दस से बारह रुपये में मिल जाती है जबकि यही विभाग टाइलें ज्यादा मूल्यों में खरीद रहा है। उन्होंने कहा कि मूल्यों में इतना अंतर क्यो हैं इसकी विजिलेंस जांच की जानी चाहिए। वहीं, कटल के पूर्व सरपंच यशपाल ने कहा कि उनके कंडी इलाके में पेयजल समस्या बनी हुई है।
मुख्यमंत्री के दरबार में उन्होंने हैंडपंपों की मांग की थी जो आज तक पूरी नहीं हो पाई। उन्होंने कटली से गुज्जर बस्ती के मार्ग निर्माण पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मार्ग का निर्माण एक किलोमीटर हो पाया है जबकि वह भी ठीक से नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने समस्याओं का समाधान न किया तो आंदोलन तेज कर दिया जाएगा।