जिंदगी की जंग हारे 'फ्लाइंग सिख' मिल्खा सिंह, 91 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Edited By Updated: 19 Jun, 2021 05:56 AM

flying sikh milkha singh lost the battle of life

पी.जी.आई. चंडीगढ़ में भर्ती उडऩ सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह (91) की शुक्रवार रात 11.24 बजे मौत हो गई। कुछ दिन पहले ही उनकी रिपोर्ट कोविड नैगेटिव भी आ गई थी मगर बावजूद इसके

नई दिल्ली/चंडीगढ़(कुलदीप)- पी.जी.आई. चंडीगढ़ में भर्ती उड़न सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह (91) की शुक्रवार रात 11.24 बजे मौत हो गई। कुछ दिन पहले ही उनकी रिपोर्ट कोविड नेगेटिव भी आ गई थी मगर बावजूद इसके उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। उन्हें पी.जी.आई. के कार्डियक सेंटर में ऑब्जर्वेशन में रखा गया था। 
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मिल्खा सिंह की 17 मई को कोरोना रिपोर्ट पॉजटिव आई थी। हालत खराब होने के बाद पहले उन्हें फोर्टिस हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था, जहां कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद 31 मई को उन्हें डिस्चार्ज किया गया था। इसके बाद वह सेक्टर-8 स्थित अपने घर में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आराम कर रहे थे। 3 जून को उनकी तबीयत एक फिर बिगड़ गई। ऑक्सीजन लैवल गिरने के बाद उन्हें पी.जी.आई. के कोविड हॉस्पिटल में लाया गया। इसके बाद यहीं उनका इलाज चल रहा था। 
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3 दिन पहले पत्नी हार गई थी कोरोना से जंग
मिल्खा की पत्नी निर्मल कौर भी कोरोना संक्रमण से पीडि़त थी। उनका मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में इलाज चल रहा था। 13 जून को कोविड के कारण स्थिति बिगड़ने पर उनकी मौत हो गई थी। मिल्खा सिंह पी.जी.आई. में एडमिट में होने की वजह से संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे। 

चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था। 

 

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