Edited By Yaspal,Updated: 19 Apr, 2018 05:27 AM
होली से पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक छात्रा द्वारा गुब्बारे में सीमन भरकर फेंकने का आरोप लगाया गया था। लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि छात्रा के कपड़ों की फोरेंसिक रिपोर्ट में यह बात झूठ साबित हुई है...
नेशनल डेस्कः होली से पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक छात्रा द्वारा गुब्बारे में सीमन भरकर फेंकने का आरोप लगाया गया था। लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि छात्रा के कपड़ों की फोरेंसिक रिपोर्ट में यह बात झूठ साबित हुई है कि उसपर सीमन भरा गुब्बारा फेंका गया था।
फरवरी में होली से पहले एक छात्रा ने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने उसके ऊपर सीमन भरा गुब्बारा फेंका था। उसकी शिकायत के आधार पर ग्रेटर कैलाश थाने में केस दर्ज किया गया। पुलिस ने छात्रा के कपड़ों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था। करीब दो महीने बाद पुलिस ने बताया कि जांच में पाया गया है कि छात्रा के ऊपर फेंके गए गुब्बारे में सीमन नहीं था।
छात्रा ने सोशल मीडिया साइटस् इंस्टाग्राम के जरिए की थी शिकायत
छात्रा ने सीमन फेंकने की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर दी थी। जिसके बाद मामले दर्ज किया गया। पूर्वोत्तर की रहने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय की इस छात्रा ने 24 फरवरी को अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा था, "मैं अमर कॉलोनी मार्केट में अपने एक मित्र के साथ एक कैफे में दोपहर भोज के लिए गई थी। जब मैं रिक्शे में बैठकर वापस आ रही थी तो कुछ लोग आए और मेरी तरफ तरल पदार्थ से भरा गुब्बारा फेंक दिया जो मेरे कूल्हे से आकर टकराया और फट गया व इसमें भरा पदार्थ मेरी ड्रेस पर फैल गया। मेरी काली लैगिंग पर सफेद निशान पड़ गए। मैं अनुमान नहीं लगा सकी कि असल में यह क्या था, लेकिन जब मैं हॉस्टल पहुंची तो सहेली ने बताया कि गुब्बारे में स्पर्म था"
इस छात्रा के आरोपों के बाद जगह-जगह छात्राओं ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी किया। उस वक्त कई जगहों से इस तरह की घटनाओं की रिपोर्टस् आई थी। जिससे लोगों में बहुत गुस्सा था। दिल्ली में जगह-जगह छात्राओं ने हाथों में प्लेकार्ड लेकर होली के नाम पर हुड़दंग करने वालों का कड़ा विरोध किया था।