जयंती विशेषः शादी से बचने के लिए 3 दिन कमरे में बंद रहे थे वाजपेयी, पढ़ें अटल से जुड़ी कुछ खास बातें

Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Dec, 2019 12:00 PM

former prime minister atal bihari vajpayee jayanti

सहृदय-दूरदर्शी राजनेता, संवेदनशील कवि और विरोधियों द्वारा समान रूप से चाहे जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की आज 95वीं जयंती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में हुआ था। 16 अगस्त, 2018 को उनका निधन हुआ था।...

नेशनल डेस्कः सहृदय-दूरदर्शी राजनेता, संवेदनशील कवि और विरोधियों द्वारा समान रूप से चाहे जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की आज 95वीं जयंती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में हुआ था। 16 अगस्त, 2018 को उनका निधन हुआ था। वाजपेयी एक ऐसा नेता थे जिनका विपक्ष भी कायल था। वाजपेयी 1950 के शुरुआती साल में आरएसएस की मैगजीन निकालते थे जिस कारण उन्हें लॉ स्कूल से निकाल दिया गया था। बाद में आरएसएस से जुड़कर भारतीय जनता पार्टी की आवाज बने।

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यह सब जानते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी शादी नहीं की। एक बार उनके करीबी ने उनकी शादी से जुड़ा एक किस्सा बताया था कि जब अटल के परिवारवाले उनकी शादी की बात कर रहे थे तो दोस्त के घर जाकर छिप गए थे। 1940 के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी कानपुर के डीएवी कॉलेज से पोस्ट ग्रैजुएशन कर रहे थे। उसी दौरान उनकी शादी की बात चली तो वे अपने दोस्त के घर जाकर तीन दिन छिपे रहे थे। अटल जी ने शादी क्यों नहीं की इस पर कहा जाता है कि वे देश की सेवा करना चाहते थे और उन्हें लगता था कि शादी से इसमें रुकावट आएगी।

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वाजपेयी से जुड़ी खास बातें

  • अटल एक ऐसे नेता थे जो विपरीत विचारधारा के लोगों को साथ लेकर चले और गठबंधन सरकार बनाई। अगर वे विपक्ष की आलोचना करते थे तो खुद भी आलोचना को खुले दिल से स्वीकार करते थे। यही कारण है कि विरोधी भी उनका सम्मान करते थे और कई मुद्दों पर उनके साथ थे।
  • वाजपेयी हमेशा कहते थे कि मेरी मात्रभाषा हिंदी है। और उन्होंने दुनिया के सामने हिंदी बोलने में जरा भी झिझक नहीं की थी।
  • 1977 में वे जनता सरकार में विदेश मंत्री थे। उस दौरान वे संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने पहुंचे तो भाषण हिंदी में दिया था। उनके भाषण के बाद यूएन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
  • साल 1962 में पहली बार देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चुनावी मैदान में अटल बिहारी वाजपेयी को हराने के लिए दो कार्ड का इस्तेमाल किया था, जिसमें से पहला था महिला कार्ड और दूसरा था बॉलीवुड कार्ड।
  • नेहरू यह जानते थे कि उस वक्त के युवा नेता वाजपेयी को हराना उनके लिए आसान नहीं था, इसलिए उन्होंने पहले महिला कार्ड और फिर बॉलीवुड कार्ड का इस्तेमाल किया था। 1962 के चुनाव में वाजपेयी को हराने के लिए नेहरू ने सबसे पहले दिल्ली से ऊर्जावान और खूबसूरत सुभद्रा जोशी को उनके खिलाफ बलरामपुर से चुनाव लड़ने के लिए भेजा। सुभद्रा पंजाब से आईं शरणार्थी थीं। नेहरू को भरोसा था कि अटलजी के मुकाबले भीड़ कोई सुंदर महिला ही जुटा सकती है। नेहरू ने खाली सुभद्रा जोशी पर ही भरोसा नहीं किया, उन्होंने बलराज साहनी जैसे बड़े फिल्मी अभिनेता से भी संपर्क किया और अटल के खिलाफ सुभद्रा के हक में चुनाव प्रचार करने का अनुरोध किया।
  • वाजपेयी खाने-पीने के बेहद शौकीन थे।
  • वाजपेयी ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि वह एक राजनेता के रूप में नहीं बल्कि एक कवि के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
  • वाजयेपी ऐसे अकेले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहें जिन्होंने पूरा 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा किया।
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