भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से चार और हफ्तों की राहत मिली

Edited By Yaspal,Updated: 15 Oct, 2019 06:36 PM

four more weeks relief from gautam navlakha s arrest in bhima koregaon case

उच्चतम न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में मानव अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से प्राप्त अंतरिम संरक्षण की अवधि मंगलवार चार सप्ताह के लिये बढ़ा दी। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने गौतम नवलखा

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में मानव अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से प्राप्त अंतरिम संरक्षण की अवधि मंगलवार चार सप्ताह के लिये बढ़ा दी। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने गौतम नवलखा से कहा कि इस मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिये वह संबंधित अदालत में जायें।

महाराष्ट्र सरकार के वकील ने जब नवलखा को और अंतरिम संरक्षण दिये जाने का विरोध किया तो पीठ ने सवाल किया कि उन्होंने एक साल से ज्यादा समय तक उनसे पूछताछ क्यों नहीं की। शीर्ष अदालत ने चार अक्टूबर को नवलखा को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि 15 दिन के लिये बढ़ाई थी। इस मामले में पिछली तारीख पर सुनवाई के दौरान नवलखा के वकील ने कहा था कि वह पीयूडीआर के सचिव हैं और उन्होंने हमेशा ही हिंसा की निन्दा की है।

पीठ ने नवलखा से जानना चाहा था कि उन्होंने इस मामले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के तहत अदालत से अग्रिम जमानत के लिये अनुरोध क्यों नहीं किया। इस पर नवलखा के वकील ने कहा था कि वह अग्रिम जमानत के लिये अदालत जा सकते हैं लेकिन शीर्ष अदालत को उन्हें अंतरिम संरक्षण प्रदान करना चाहिए जो पिछले एक साल से जारी है। न्यायालय के एक सवाल के जवाब में महाराष्ट्र सरकार के वकील ने पीठ को बताया था कि इस मामले में 28 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इनमें से 15 आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।

नवलखा के वकील ने पीठ को बताया था कि उनके मुवक्किल के खिलाफ अभी आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है। बंबई उच्च न्यायालय ने 13 सितंबर को गौतम नवलखा के खिलाफ माओवादियों से संपर्क रखने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने से इंकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि पहली नजर में उनके खिलाफ मामले में दम लगता है। पुलिस ने 31 दिसंबर, 2017 को ऐलगार परिषद के बाद कोरेगांव-भीमा में हुयी हिंसा की घटना के सिलसिले में जनवरी, 2018 में गौतम नवलखा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस का आरोप है कि नवलखा और अन्य आरोपियों के माओवादियों से संपर्क हैं और वे सरकार को अपदस्थ करने के लिये काम कर रहे हैं।

पुलिस ने नवलखा के साथ ही वारवरा राव, अरूण फरेरा, वर्णन गोन्साल्वेज और सुधा भारद्वाज भी इस मामले में आरोपी हैं। इन सभी के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधयां (रोकथाम) कानून और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमामला दर्ज किया गया है।

 

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