Edited By ,Updated: 29 Oct, 2015 12:02 AM
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन और देश में बढ़ती असहिष्णुता के विरोध में दिबाकर बनर्जी और राकेश शर्मा सहित दस फिल्मकारों ने आज अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने की घोषणा की।
नई दिल्ली: भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन और देश में बढ़ती असहिष्णुता के विरोध में दिबाकर बनर्जी और राकेश शर्मा सहित दस फिल्मकारों ने आज अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने की घोषणा की। इससे पहले प्रख्यात साहित्यकार एवं बुद्धिजीवी प्रोफेसर एम एम कलबुर्गी की हत्या और उत्तर प्रदेश के दादरी में गोकशी की अफवाह पर उग्र भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की हत्या के विरोध में कई लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों ने अपने-अपने पुरस्कार एवं सम्मान लौटा दिए थे।
मशहूर फिल्मकार दिबाकर बनर्जी, परेश कामदार, निष्ठा जैन, लिपिका सिंह दराई, राकेश शर्मा तथा हर्षवद्र्धन कुलकर्णी, वृत्तचित्र फिल्मकार आनंद पटवर्धन, फिल्म संपादक कीर्ति नखवा और सिनेमैटोग्राफर हरि नायर तथा इंद्रनील लाहिड़ी ने सरकार को अपने-अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में फिल्मकारों ने देश में बढ़ती असहिष्णुता पर चिंता जताई है। इस संबंध में उन्होंने बुद्धिजीवी एवं लेखक डॉ नरेन्द्र दाभोलकर, गोविंद पनसारे और प्रो एम एम कलबुर्गी का जिक्र किया। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘ये स्पष्ट तौर पर ङ्क्षहसा की आकस्मिक घटनाएं नहीं हैं। लोगों की उनके विचारों और धारणाओं के लिए हत्या की जा रही है। विरोधी विचारों वाले लोगों पर हिंसक हमले करने वाले चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रयास नहीं दिख रहा है। इन समूहों की आधिकारिक तौर पर किसी भी प्रकार की निंदा नहीं की गई और हम इस चुप्पी पर सवाल उठाते हैं।’’