Edited By Seema Sharma,Updated: 04 Dec, 2022 12:35 PM
पुणे में नेशनल डिफेंस एकेडमी के 143वें कोर्स की पासिंग आउट परेड में गौरव यादव को राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। गौरव वह शख्स हैं, जिन्होंने एनडीए में दाखिले के लिए IIT में पढ़ने का न सिर्फ मौका छोड़ दिया
नेशनल डेस्क: एक रिपोर्ट में बताया गया कि दुनियाभर के देशों में विभिन्न कंपनियों में शीर्ष पदों पर काम करने वाले भारतीयों में से ज्यादातर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) से पढ़े होते हैं और IIT की पढ़ाई को सुनहरे भविष्य की गारंटी माना जाता है। ऐसे में अगर कोई देश की सशस्त्र सेना का हिस्सा बनने के लिए आईआईटी में दाखिले का मौका छोड़ दे तो इसे देशभक्ति का जुनून नहीं तो और क्या कहेंगे।
हाल ही में पुणे में नेशनल डिफेंस एकेडमी के 143वें कोर्स की पासिंग आउट परेड में गौरव यादव को राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। गौरव वह शख्स हैं, जिन्होंने एनडीए में दाखिले के लिए IIT में पढ़ने का न सिर्फ मौका छोड़ दिया, बल्कि अपने परिवार के लोगों से भी इस बात को छिपाया कि उन्होंने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी, जिसे दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है।
सेना में भर्ती के लिए छोड़ी IIT की पढ़ाई
हरियाणा में रेवाड़ी के केरल पब्लिक स्कूल से पढ़ाई करने वाले गौरव अपने पूरे शैक्षणिक जीवन में बहुत अनुशासित और होनहार विद्यार्थी रहे और एनडीए के प्रशिक्षण के दौरान भी उन्होंने अपनी इस छवि को टूटने नहीं दिया। उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक हासिल किया और परेड की कमान भी संभाली। राजस्थान के अलवर जिले के जाजोर-बास गांव के किसान बलवंत के पुत्र गौरव की मां कमलेश गृहिणी हैं। पुणे के खडगवासला के खेत्रपाल परेड ग्राउंड में अपने पुत्र की उपलब्धियों पर गर्व से भरे पिता ने कहा कि उन्हें गौरव की सफलता को लेकर कोई संदेह नहीं था। उन्होंने गौरव को पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी पसंद का रास्ता चुनने से कभी नहीं रोका। उन्हें गौरव को एनडीए की परेड का नेतृत्व करते देख सबसे ज्यादा खुशी हुई। सेना में शामिल होने के सपने को कदम दर कदम पूरा होते देखना गौरव यादव के लिए आसान नहीं था। उन्होंने दो बार एनडीए में दाखिले की प्रवेश परीक्षा पास की, लेकिन इंटरव्यू पास नहीं कर पाए।
दीवारों को इंटरव्यू देकर प्रैक्टिस करते थे
गौरव बताते हैं कि इंटरव्यू की तैयारी करने के लिए वह दीवार के सामने बैठकर यह महसूस करते थे कि वह इंटरव्यू पैनल के सामने बैठे हैं और उनसे पूछे जाने वाले सवालों के जवाब देने का अभ्यास किया करते थे। गौरव के भाई विनीत भी सेना में हैं। विनीत ने अपने भाई के “असाधारण पराक्रम” को परिवार के लिए गौरव का क्षण बताते हुए कहा कि गौरव बचपन से ही पढ़ाई और खेलकूद दोनो में बहुत होशियार था। हमेशा अच्छे नंबरों से पास होता रहा। जब उसने आईआईटी की परीक्षा दी तो सबको विश्वास था कि वह पास हो जाएगा। विनीत ने कहा कि जब परीक्षा का परिणाम आया और उन्होंने गौरव से इस बारे में पूछा तो गौरव ने यह कहकर उनकी बात टाल दी कि वह परीक्षा पास नहीं कर पाए। उन्होंने एनडीए में चयन होने के बाद परिवार को इस बारे में बताया कि वह आईआईटी की प्रवेश परीक्षा भी पास कर गए थे।