बच्चियों को स्कूल भेजने में भी लगने लगा है डर

Edited By Anil dev,Updated: 11 Aug, 2018 09:22 AM

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लुटियन जोन में स्थित एनपी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 6 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म की वारदात के बाद शुक्रवार सुबह गुस्साए अभिभावकों ने स्कूल में जमकर हंगामा किया। इस दौरान पुलिस ने अभिभावकों को गेट पर रोकने का प्रयास किया

नई दिल्ली: (नवोदय टाइम्स): लुटियन जोन में स्थित एनपी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 6 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म की वारदात के बाद शुक्रवार सुबह गुस्साए अभिभावकों ने स्कूल में जमकर हंगामा किया। इस दौरान पुलिस ने अभिभावकों को गेट पर रोकने का प्रयास किया, लेकिन धक्का-मुक्की कर वह स्कूल परिसर के अंदर घुस गए। अभिभावकों का कहना था कि अगर आज भी हमने ऐसे ही छोड़ दिया तो कल को हमारी बच्चियों के साथ भी ऐसा होगा। वहीं अभिभावक तरन्नुम ने स्कूल प्रशासन से स्कूल में लगे सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की। इस दौरान पता चला कि स्कूल में सीसीटीवी कैमरे केवल क्लास रूम में ही लगे हुए हैं। 

कॉरिडोर में नहीं लगा हुआ है  सीसीटीवी कैमरा
बच्चों ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे कॉरिडोर में नहीं लगा हुआ है। अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन और एनडीएमसी के खिलाफ नारेबाजी की और स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। जबकि दोषी इलेक्ट्रीशियन राम आसरे को फांसी की सजा देने की मांग करते हुए लोहे के गेट की ग्रिल चढ़ गए। प्रदर्शन कर रहे अभिभावक लगातार प्रिंसिपल से मिलने की मांग कर रहे थे। कामिल ने बताया कि प्रिंसिपल दो दिन से स्कूल नहीं आ रही हैं। स्कूल में इतनी बड़ी घटना हो गई है, इसके बावजूद स्कूल का प्रिंसिपल छुट्टी पर कैसे जा सकती हैं। प्रदर्शन कर रहे अभिभावक मुकेश ने बताया कि इस घटना के बाद बच्चे को अब स्कूल भेजने में भी डर लग रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल में सुरक्षा व्यवस्था पु ता नहीं होगी बच्चे को स्कूल नहीं भेजेंगे। 

आहत माता-पिता ने बच्चों को स्कूल भेजने से किया इनकार
चौथी कक्षा में पढऩे वाली एक छात्र के पिता ने बताया कि शुक्रवार करीब 10:30 बजे उसके दोस्त ने घर पर आकर बताया कि स्कूल में दुष्कर्म हो गया है, अपनी बच्ची को ले आओ। उन्होंने कहा कि मैं घर से तुरंत स्कूल पहुंचा। देखा तो स्कूल के बाहर काफी भीड़ जमा थी। बच्चों के अभिभावक काफी गुस्से में थे। उन्होंने बताया कि पहले तो पुलिस ने उन्हें स्कूल के अंदर नहीं जाने दिया। काफी देर बाद स्कूल के अंदर जाकर अपनी दोनों बेटियों को लेकर आए। प्रदर्शन कर रहे अभिभावक मुकेश ने बताया कि इस घटना के बाद बच्चे को अब स्कूल भेजने में भी डर लग रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल में सुरक्षा व्यवस्था पु ता नहीं होगी बच्चे को स्कूल नहीं भेजेंगे। 

महिला आयोग ने पुलिस और स्कूल को नोटिस भेजा
 एनडीएमसी के एक स्कूल में छह वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म की घटना के बाद दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस और स्कूल प्रबंधन को नोटिस भेजकर उनसे संस्थान में सुरक्षा इंतजामों के बारे में सूचित करने को कहा है। आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पूछा है कि इलेक्ट्रिशियन की पृष्ठभूमि की जांच की गई थी या नहीं और स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसे सुरक्षा उपाय किए गए हैं या नहीं? मालीवाल ने दावा किया कि पीड़ित बच्ची की मां का आरोप है कि स्कूल इस मामले पर लीपापोती करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने पूछा कि लड़कियों के शौचालय तक पुरुष कर्मचारी कैसे पहुंचा? 

क्लास रूम में क्यों घूम रहा था इलेक्ट्रीशियन? 
अभिभावक ये सवाल कर रहे हैं कि हाल में गाजियाबाद और गुरुग्राम के स्कूल में बच्चों के साथ घटनाओं से स्कूल ने सबक क्यों नहीं लिया। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि इलेक्ट्रीशियन का काम स्टाफ रूम में था, जबकि वह क्लास रूम के अंदर क्यों घूम रहा था। जब वह बच्ची को लेकर स्कूल परिसर में घूम रहा था तब उसे किसी ने टोका या पूछताछ क्यों नहीं की। स्कूल प्रशासन एवं टीचर ने महज छह साल की बच्ची को अकेले परिसर में जाने क्यों दिया। घटना के वक्त स्कूल की दाई और चपरासी कहां थे जिन पर बच्चों की देखरेख की जि मेदारी थी। इस दौरान पुलिस और अभिभावकों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। वहीं प्रदर्शन कर रहे अभिभावक लगातार स्कूल की प्रिंसिपल से मिलने की मांग करते रहे।

टीचर ने की शर्मसार करने वाली बात
घटना से गुस्साए परिजनों ने स्कूल प्रशासन को आड़े-हाथों लेते हुए स्कूल टीचरों पर भी लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा कक्षा से कहीं भी चला जाता है, इनको पता ही नहीं रहता है। आरोप है कि इस पर एक महिला टीचर ने बच्ची की मां से कहा कि आपकी बच्ची के साथ तो दुष्कर्म नहीं हुआ है न। आप इतना क्यों चिल्ला रही हो। इस पर उस मां ने कहा कि बच्चे सभी के बराबर होते हैं। अगर वह मेरी बच्ची नहीं है तो मेरी बेटी जैसी तो है।

पहले कई दफा चॉकलेट दी, फिर की दरिंदगी 
रेप की शिकार हुई मासूम को तो पहले पता ही नहीं चला कि अंकल क्या कर रहे हैं। उसे तो अंकल ने चॉकलेट देने के बहाने अपने पास बुलाया था। वह पिछले कई दिनों से उसके पास आते थे और उससे मीठी मीठी बातें करने के साथ ही चॉकलेट देकर चले जाते थे। उस दिन भी अंकल आए और कहा कि चलो चॉकलेट देता हूं और अपने साथ कमरे में लेकर चले गए। वहां अंकल चॉकलेट देने के बाद गलत हरकत करने लगे। जब ऐसा करने से मना किया और उठकर जाने लगी तो अंकल ने पकड़ लिया और पहले तो प्यार से बैठने के लिए बोलने लगे। पर जब नहीं मानी तो डांटने लगे। इसके बाद भी जब जाने की जिद करने लगी तो पीटने लगे और जान से मार देने की धमकी देने लगे। उनकी पिटाई और मार देने की धमकी से इतना डर गई कि वहीं रुक गई। इसके बाद अंकल मेरे साथ गलत काम करने लगे। जब रोने लगी तो उन्होंने मेरा मुंह दबा दिया। इस कारण आवाज भी नहीं लगा सकी। 

लाल शर्ट से हुई आरोपी की पहचान
जब पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसके साथ गलत हुआ है, तो उसे आरोपी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बस वह बोल रही थी कि अंकल ने लाल रंग की शर्ट पहन रखी थी।  पुलिस ने  सीसीटीवी की जांच की तो पता चला कि एक ही कर्मचारी लाल शर्ट पहन कर स्कूल आया था। बच्ची ने जो बयान दिया, उससे अंदाजा लगाया गया कि वारदात को पंप हाउस के कमरे में दिया गया, जिसकी चाभी स्कूल के इलेक्ट्रिशियन के पास ही होती है। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 

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