Edited By Yaspal,Updated: 03 Dec, 2021 06:06 PM
कोविड-19 के खिलाफ बूस्टर खुराक दिए जाने की मांग के बीच भारत के शीर्ष जीनोम वैज्ञानिकों ने कहा है कि 40 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को ‘बूस्टर'' (तीसरी) खुराक देने पर ‘‘विचार किया जा सकता है।'''' उन्होंने कहा कि इस आयु वर्ग के लोगों के संक्रमण की...
नई दिल्लीः कोविड-19 के खिलाफ बूस्टर खुराक दिए जाने की मांग के बीच भारत के शीर्ष जीनोम वैज्ञानिकों ने कहा है कि 40 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को ‘बूस्टर' (तीसरी) खुराक देने पर ‘‘विचार किया जा सकता है।'' उन्होंने कहा कि इस आयु वर्ग के लोगों के संक्रमण की चपेट में आने का खतरा अधिक है। यह सुझाव ‘भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम' (आईएनएसएसीओजी) के साप्ताहिक बुलेटिन में दिया गया है। सरकार ने INSACOG की स्थापना कोविड-19 के जीनोम अनुक्रमण का विश्लेषण करने के लिए की थी।
INSACOG के बुलेटिन में कहा गया है, ‘‘ जिन लोगों को अधिक खतरा है, उनका टीकाकरण और 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को ‘बूस्टर' खुराक देने पर विचार किया जा सकता है। सबसे पहले, उन लोगों को लक्षित किया जाए, जिनके संक्रमित होने का खतरा सबसे अधिक है।'' देश में वैश्विक महामारी की स्थिति पर लोकसभा में चर्चा के दौरान सांसदों द्वारा कोविड-19 रोधी टीकों की ‘बूस्टर' खुराक दिए जाने की मांग के बाद यह सिफारिश की गई है। INSACOG ने कहा कि आवश्यक जन स्वास्थ्य उपायों को कारगर बनाने के वास्ते इस प्रकार की उपस्थिति का शीघ्र पता लगाने के लिए जीनोमिक निगरानी महत्वपूर्ण होगी। उसने सुझाव दिया कि प्रभावित क्षेत्रों से आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जाए, उनके सम्पर्क में आए लोगों की पहचान करें और जांच बढ़ाएं।
INSACOG ने बुलेटिन में कहा, ‘‘जिन लोगों को टीका नहीं लगा है उनके टीकाकरण और 40 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर खुराक देने पर विचार करते समय, सबसे पहले ज्यादा खतरे वाले लोगों पर विचार किया जा सकता है क्योंकि वर्तमान टीकों से रोग प्रतिरोधक को निष्क्रिय करने का कम स्तर ओमीक्रोन को निष्क्रिय करने में पर्याप्त साबित नहीं हो सकता है।'' इसने कहा कि इस स्वरूप की मौजूदगी का पता लगाने में जीनोम निगरानी करना महत्वपूर्ण होगा ताकि आवश्यक जन स्वास्थ्य उपाय किए जा सकें। अभी तक अमेरिका और ब्रिटेन ने सभी वयस्कों के लिए दूसरी खुराक के छह महीने बाद बूस्टर खुराक लगाए जाने की अनुशंसा की है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल ने कहा था कि ओमीक्रोन स्वरूप की नई चुनौती के बावजूद कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण सबसे महत्वपूर्ण है। पॉल ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे पास उपाय (टीकाकरण) है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि टीकाकरण का कवरेज बढ़ाया जाना है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें दो खुराक का फायदा है और लोगों को दोनों खुराक जल्द से जल्द लगवा लेना चाहिए। खुराकों के बीच का समय वैज्ञानिक आंकड़ों पर आधारित है और वर्तमान समयावधि में कोई बदलाव नहीं है।''