हल्द्वानी: रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण मामले में सरकार और रेलवे ने SC से मांगा समय, मई में होगी सुनवाई

Edited By Pardeep,Updated: 07 Feb, 2023 11:07 PM

govt railways sought time from sc in case of encroachment on railway land

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मई में सुनवाई करेगा। इन याचिकाओं पर पिछले महीने हुई सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने...

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मई में सुनवाई करेगा। इन याचिकाओं पर पिछले महीने हुई सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी। 

यह मामला न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष आज सुनवाई के लिए आया, जिसने इसे दो मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। शीर्ष अदालत ने हल्द्वानी में रेलवे द्वारा दावा की गई 29 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने के उच्च न्यायालय के आदेश पर पांच जनवरी को रोक लगा दी थी और इसे "मानवीय मुद्दा" करार दिया था। न्यायालय ने कहा था कि 50,000 लोगों को रातोंरात नहीं हटाया जा सकता है। 

मंगलवार की सुनवाई के दौरान पीठ से अनुरोध किया गया कि शीर्ष अदालत द्वारा पिछले महीने बताए गए समाधान के लिए अधिकारियों को आठ सप्ताह का समय दिया जाए। 

रेलवे के अनुसार, भूमि पर 4,365 अतिक्रमणकारी हैं, जबकि कब्जेदार यह दावा करते हुए हल्द्वानी में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे कि वे भूमि के असली मालिक हैं। शीर्ष अदालत ने रेलवे और उत्तराखंड सरकार को नोटिस भी जारी किये थे, जिसमें अतिक्रमण हटाने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई थी। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि उनके पास ऐसे दस्तावेज हैं जो स्पष्ट रूप से उनके भू-स्वामित्व और वैध कब्जे को स्थापित करते हैं।

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