Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 22 May, 2025 05:41 PM

भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर साफ संदेश दे दिया है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर अब कोई भी बातचीत तभी होगी जब पाकिस्तान अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र, यानी पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली करेगा। यह सख्त और स्पष्ट रुख विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता...
नेशलन डेस्क: भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर साफ संदेश दे दिया है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर अब कोई भी बातचीत तभी होगी जब पाकिस्तान अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र यानी पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली करेगा। यह सख्त और स्पष्ट रुख विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता के दौरान रखा। उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति बहुत स्पष्ट है जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इस पर कोई विवाद नहीं है। जो भी क्षेत्र पाकिस्तान के कब्जे में है वह पूरी तरह अवैध है और उसे खाली करना ही एकमात्र मुद्दा है जिस पर चर्चा हो सकती है।
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के मुद्दे पर वह कोई समझौता नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दो टूक कहा कि जो देश सीमा पार आतंकवाद को पनाह देते हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करना जरूरी है। भारत ने खासतौर पर पाकिस्तान और उसके समर्थन में खड़े तुर्की को चेताया है कि रिश्ते तभी आगे बढ़ सकते हैं जब एक-दूसरे की सुरक्षा चिंताओं का सम्मान किया जाए।
भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों में कोई दरार नहीं
रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्तों को लेकर कुछ झूठी और मनगढ़ंत खबरें फैलाई जा रही हैं, जिनका कोई आधार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और अफगानिस्तान के संबंध विश्वास और सहयोग पर आधारित हैं, और ऐसी अफवाहें दोनों देशों के रिश्तों को कमजोर नहीं कर सकतीं। हाल ही में भारत के विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री से फोन पर बातचीत की। इस दौरान भारत ने अफगानिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करने पर आभार जताया और यह साफ कर दिया कि दोनों देशों के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है।
तुर्की को साफ संदेश: पाकिस्तान से कहें कि आतंकवाद को समर्थन बंद करे
विदेश मंत्रालय ने तुर्की को सीधा संदेश देते हुए कहा कि अगर तुर्की को भारत के साथ रिश्ते मजबूत रखने हैं, तो उसे पाकिस्तान से कहना चाहिए कि वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे। भारत ने कहा कि "द्विपक्षीय रिश्ते एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता पर ही टिके होते हैं।" सेलेबी (Celebi) मामले में भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला नागरिक उड्डयन सुरक्षा विभाग द्वारा लिया गया है और तुर्की दूतावास से इस पर चर्चा की जा चुकी है।
भारत ने बताया कि आने वाले दिनों में सात संसदीय प्रतिनिधिमंडल विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। इनमें से तीन पहले ही रवाना हो चुके हैं। इनका मकसद आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को वैश्विक स्तर पर मजबूती से रखना है। "हम चाहते हैं कि दुनिया आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट हो। जो देश आतंकवाद को पिछले 40 वर्षों से बढ़ावा दे रहे हैं, उन्हें जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। पाकिस्तान की गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करना अब समय की मांग है।"
पाकिस्तान पर भारत की स्थिति: केवल PoK पर होगी बात
डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर भारत की प्रतिक्रिया:
डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत पहले ही साफ कर चुका है कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी बातचीत सिर्फ द्विपक्षीय होगी। साथ ही यह भी दोहराया गया कि भारत के लिए जम्मू-कश्मीर पर केवल एक ही मुद्दा है पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी।